मांगी नाव न केवट आना, कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना : कथा व्यास


परसेण्डी (सीतापुर)। श्री 1008 ब्रह्मलीन श्यामानंद फलाहारी बाबा की पुण्य स्मृति में शतचंडी महायज्ञ विराट संत सम्मेलन दुर्गा धाम राही के दशम दिवस के अवसर पर यज्ञ आचार्य अर्जुन तिवारी साकेत धाम अयोध्या के द्वारा यज्ञ स्थल में समस्त वैदिक मंडल के द्वारा यजमान सियाराम बाजपेयी के द्वारा यज्ञ में हवन में आहुतियां डलवा कर के हवन कराया गया। जिससे के संपूर्ण विश्व का कल्याण हो समस्त वैदिक मंडल के द्वारा दुर्गा सप्तशती का जप किया गया। सत्संग हॉल में जगतगुरु स्वामी धीरेंद्र आचार्य जी महाराज शंकराचार्य जी के द्वारा सत्संग हॉल में धर्म उपदेश देते हुए कहा यज्ञ के महत्व को बताते हुए का यज्ञ के द्वारा संपूर्ण विश्व का कल्याण होता है। दुर्गा धाम राही में 43 वें यज्ञ का आयोजन में आए हुए हजारों श्रद्धालुओं से कहा तुम धन्य हो जिन्हें श्री राम कथा सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है। 


राम कथा सुनाते हुए स्वामी जी ने कहा जिस समय भगवान राम को बनवास होता है और गंगा के तट पर भगवान राम अपने पत्नी सीता वाह भाई लखन लाल के साथ गंगा तट पर पहुंचते हैं तो गंगा के उस पार जाने के लिए केवट से नाव मांगी। लेकिन केवट ने नाव देने से भगवान को मना किया। क्योंकि केवट भक्त भक्ति भाव था वह चाहता था कि भगवान राम के चरणों को हम स्पर्श करें चरणामृत का पान करें। गोस्वामी बाबा ने लिखा है मांगी नाव न केवट आना, कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना इस चैपाई को कहते हुए केवट ने भगवान राम से पैर को प्रक्षालन करने के बात को कहता है। भगवान राम ने केवट की भक्ति भाव को देखते हुए कहा तुम्हें जो भी मंजूर है। मैं सब कुछ करने को तैयार हूं और भगवान राम ने केवट से पैर को दिलवाया और जब भगवान राम ने गंगा तट को पार किया और कहा कि हमें गंगा मैया को पार कर आया है। हमसे कुछ ले लो माता सीता के द्वारा उत्तर आई देती हैं लेकिन केवट के द्वारा कहा जाता है। हमने तुम्हें गंगा मैया को पार कर आया है हे राम हमें भव से पार लगा देना।


इस राम कथा के माध्यम से शंकराचार्य महाराज ने कहा कलयुग के महत्व को बताते हुए कहा कलयुग केवल नाम अधारा सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा। कलयुग में भगवान राम के नाम को ही आधार बनाकर के भवसागर को पार किया जा सकता है। शंकराचार्य जी के चरणों का पूजन रामचंद त्रिवेदी पूर्व प्रधान राही नेता प्रधान ग्राम राही शुभकार नाथ शुक्ला, विनोद मिश्रा, बाबा भयंकर आचार्य के द्वारा किया गया। प्रवचन के क्रम में पंडित संतोष व्यास, चित्रकूट धाम सरलेस शुक्ल, चंदन शास्त्री, रेती रमण जी महाराज, वृंदावन पंडित धर्मेंद्र बाजपेयी के द्वारा मानस के माध्यम से कथा सुनाई गई। विशाल भंडारे का आयोजन नेता ग्राम प्रधान राही के द्वारा किया गया। इस मौके पर दिनेश मिश्रा पूर्व प्रधान पगरोई, राजकिशोर प्रधान  सत्येंद्र सदस्य क्षेत्र पंचायत परसेंडी गंगा प्रसाद त्रिवेदी, कोटेदार राही राजन त्रिवेदी, मनोज कुमार त्रिवेदी, राम लखन मिश्रा,  वीरेश मिश्रा, विनोद कुमार मिश्रा, राजेंद्र मिश्रा, हरिप्रसाद त्रिवेदी, राज किशोर मिश्रा, अरुण कुमार शुक्ला, ओम प्रकाश शुक्ला, राजकिशोर त्रिवेदी, अजय सिंह, श्रीकृष्ण पाल, प्रधान मुन्ना लाल पाल, प्रधान दिनेश मिश्रा राही, कवि जी बृजमोहन लाल अवस्थी, संतोष अवस्थी, गिरीश प्रधान, रामपाल सिंह, हरीश शुक्ला सहित लगभग 15000 लोग मौजूद रहे। 9 फरवरी को यज्ञ का समापन सायं 5 बजे किया जाएगा एवं विशाल कन्या भोज एवं भंडारे का आयोजन किया जाएगा।