नीलाम्बर परिधान गौरवर्ण पर शोभित है ।
शिव -सती सी जोड़ी भागीरथी सी अमर है ।
धीर गंभीर गहन सरिता सी,
मृगनयनी से सुंदर नयन है ।
धीर गंभीर अटल नगराज से,
शांत सौम्य प्रभु सी मूरत है ।
कृष्ण रुक्मिणी से अपने किरदार निभाना।
ले हाथों में हाथ हर पल साथ निभाना।
प्राची की अर्चि अरमान बन के आए ।
अहन की रोशनी शान बन के आए ।
दमकते रहो दोनों साथ अहर्निश,
उम्र का चाहे कोई भी पड़ाव आए ।
अंत : मन में अनंत प्रेम हो,
अनंत प्रीत हो आपकी,
खुशियों की बहार आए,
वैवाहिक वर्षगांठ पर आपकी।
गरिमा राकेश 'गर्विता'
कोटा,राजस्थान