हॉन्गकॉन्ग की एक अदालत ने कर्ज के बोझ से दबी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रैंड को समाप्त या बंद करने का आदेश दिया है। इस बारे में बताया है। अदालत का यह फैसला चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक झटके की तरह है। एवरग्रैंड के पास नकदी दो साल पहले खत्म हो गई थी। साल 2021 में कंपनी डिफॉल्ट कर गई थी। यह आदेश वकीलों के बीच एवरग्रैंड से संबंधित बची संपत्तियों में कुछ भी खोजने और उन्हें हथियाने के लिए एक दौड़ शुरू करेगा जिसे बेचा जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार 2021 में कंपनी के डिफॉल्ट होने के बाद, दुनिया भर के निवेशकों ने प्रॉपर्टी डेवलपर एवरग्रैंड के रियायती आईओयू को स्कूप किया, उन्हें यह उम्मीद थी कि चीनी सरकार अंततः बेलआउट देने के लिए कदम उठाएगी।
एवरग्रैंड एक रियल एस्टेट डेवलपर है जिस पर 300 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का कर्ज है, यह दुनिया का सबसे बड़ा आवास संकट झेल रहा है। इसके बहुत मूल्यवान विशाल साम्राज्य में अब कुछ नहीं बचा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार आरोप है कि एवरग्रैंड, साथ ही अन्य डेवलपर्स, ओवरबिल्ट और ओवरप्रोमाइड, उन अपार्टमेंटों के लिए पैसे ले रहे थे जो बनाए नहीं गए थे और इससे सैकड़ों-हजारों घर खरीदार को अपने अपार्टमेंट का इंतजार ही करते रह गए।
अब जब इनमें से दर्जनों कंपनियां डिफॉल्ट कर गई हैं, तो सरकार सख्ती से उन्हें अपार्टमेंट का काम खत्म करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रही है, जिससे हर कोई मुश्किल स्थिति में पड़ गया है क्योंकि ठेकेदारों और बिल्डरों को वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है। इस आदेश से वित्तीय बाजारों को सदमा लगने की आशंका है जो पहले से ही चीन की अर्थव्यवस्था पर संदेह कर रहे हैं।