विचार और दिखावा

महापुरुषों ने हमेशा

विचारों पर चलने को प्रेरित किया है,

विचारों ने हर काल में

सच्चे मार्गदर्शक की भूमिका का

सतत निर्वहन किया है,

बुद्ध, कबीर, रैदास,

या छत्तीसगढ़ में गुरू घासीदास,

ज्योति बा, अम्बेडकर, पेरियार,

संत गाडगे आदि के पथप्रदर्शित

करते उच्च विचार,

गौर करने वाली बात है कि

किसी ने व्यक्ति पूजा

को महत्व नहीं दिया,

सभी ने कुरीतियों, पाखंडों को

त्यागने पर जोर दिया,

पथभ्रमितों को ज्ञान का अंजोर दिया,

पर हम ठहरे किसी की न मानने वाले,

उतर आए मनमानी करने और

लग गए भव्य जयंती मनाने,

दिखावे को दिखाने,

भौंडे नाच गाना को करा

मान लिए अपने आप को

महापुरुषों के सच्चे समर्थक,

समर्थक होना उतना जरूरी नहीं है,

जितना विचारों को समझना,

प्रसार करना व सही स्थिति बता

किसी से न उलझना,

मगर हम समझने वाले थोड़े हैं,

मनमानी कर बेमतलब के राहों की ओर

अपने कदम को मोड़े हैं,

पता नहीं कब समझदारी दिखायेंगे।


राजेन्द्र लाहिरी पामगढ़ छग