बाईस जनवरी अयोध्या नगरी, श्री राम आने वाले हैं,
मिलकर मचाओ खूब धमाल,श्री राम हमारे प्यारे हैं।
राम बसे हैं हृदय में मेरे,श्री राम नाम का जाप करूं,
अपने अंर्तमन में तुम्हें बसाकर,श्री राम तुम्हारा गुणगान करूं।
कौशल्या मां के लाल, कहलाते हो दशरथ नंदन,
जनकनंदिनी जानकी माता संग, हम करते आपका वंदन।
पितृ वचनों की खातिर, किया राजपाट का त्याग,
भ्रातृ और भार्या संग वन वन घूमे, किया असुरों का संहार।
केवट की नाव चढ़कर, बढ़ाया उसका मान,
शबरी के झूठे बेरो को खाकर, दिखलाया प्रेम अपार।
पत्थर बनी अहिल्या को तारकर, लगाया आपने पार,
फिर से चलने लगी हर ओर, श्री राम नाम की बयार।
दुल्हन सी सजी अयोध्या नगरी, जहां पधारेंगे श्री राम,
श्री राम मोक्ष के द्वार है, करते सबका उद्धार।
सांसों में बसा लो राम को, बस राम नाम से चलता संसार,
थोड़ी सी भक्ति हमको सिखला दो, श्री राम आप हमारे पालनहार।
नीतू रवि गर्ग
चरथावल मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश