प्राण प्रतिष्ठा समारोह, राम मंदिर पर फैसला देने वाले पांचों न्यायाधीशों को आमंत्रण

पांचों जस्टिस होंगे स्टेट गेस्ट

लखनऊ। चार साल पहले 9 नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि मामले में फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पांच न्यायाधीशों को 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एसए बोबडे, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने नवंबर 2019 में विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था।

आमंत्रित लोगों में पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और शीर्ष वकीलों समेत 50 से ज्यादा न्यायविद शामिल हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे। 22 जनवरी को अयोध्या में विशाल राम मंदिर में श्प्राण प्रतिष्ठाश् समारोह की तैयारी है।पीएम  नरेंद्र मोदी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।  9 नवंबर  2019 को राम मंदिर मामले में फैसला सुनाया गया।

उस वक्त जस्टिस रंजन गोगोई देश के मुख्य न्यायाधीश थे।रंजन गोगोई उस पीठ के हिस्सा थे, जिन्होंने राम मंदिर पर फैसला सुनाया था। जस्टिस गोगोई सेवानिवृत्त हुए और रिटायरमेंट के 4 महीने बाद तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया। वही राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाली पीठ में उस वक्त जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े भी थे जिन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने के बाद सीजेआई का पद भार संभाला। 

वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त हुए और फिर महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति बने। जस्टिस अशोक भूषण भी अयोध्या में राम मंदिर मामले में फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट की पीठ का हिस्सा थे जो जुलाई 2021 में सेवानिवृत्त हो गए। रिटायरमेंट के बाद जस्टिस अशोक भूषण राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के प्रमुख बने। इसके अलावा जस्टिस एस.अब्दुल नजीर भी राम मंदिर पर फैसला देने वाली पीठ में शामिल थे। 

जो जनवरी 2023 में सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के करीब एक महीने बाद आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त हुए। अयोध्या में राम मंदिर पर फैसला सुनाने वालों में जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ यानि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। बताते हैं कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस साल नवंबर तक सीजेआई रहेंगे।