रामलला

मेरी नगरी अयोध्या और इसके सारे वासी राम हो जायें,

जन-जन के साकार सारे काम हो जाये हओ राम आएंगे... !

अयोध्या में मंदिर का नवनिर्माण हुआ और भगवान श्री राम

की मूर्ति - प्राणप्रतिष्ठा, स्थापना का कार्य साकार होने का समय जैसे - जैसे निकट आया व इसका भी समय अब पूर्ण हुआ,

इसके कुछ महीने पूर्व से ही अपार खुशियां धर्म-कर्म प्रेमियों, हिन्दू सनातनियों, साधु-संतों, प्रत्येक मंदिर - आश्रमों, समस्त

धार्मिक-सामाजिक संगठनों सहित देशभर में व विदेशों में रह रहे

भारतवर्ष के निवासियों में तो हुई हैं तथा इसके आनंद में सारी प्रकृति पेड़-पौधे व हरियाली, सारे पशु-पक्षी, धरती पर विचरने वाले प्राणी जगत के रज-कण-रोम-रोम, धरती - अंबर में भी

जो खुशियां प्रस्फुरीत हो रही हैं उसका महासागर, सैलाब हमारे

अंदर वहीं आल्हाद सुगंधित होकर महक रहा है।

ना केवल अयोध्या बल्कि हर क्षेत्र हर कोना, शहर-कस्बों व गांवों

में भी श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा अयोध्या के मंदिर में होने की खुशियां महान महोत्सव के रूप में मनाई जा रही हैं। पूजा-अर्चना, प्रभातफेरी, शोभायात्रा, पथ संचलन, जुलूस व घरों मंदिरों में भव्य सजावट से राममय, भगवा ध्वजों से सारे देवस्थान व लोगों के घर-मकान सजाएं गये हैं इन्हें देखने व देवदर्शन करने भी भारी जनसमूह उमड़ रहा है, यह हैं धर्म व

देवत्व का दर्शन जिसे पुराणों व शास्त्रों से पढ़ा - सीखा व मन में

बसाया गया है। 22 जनवरी 2024 में यही क्षण स्वर्णिम इतिहास बनेगा। स्वस्फूर्त ऊर्जा की नव तरंगें प्रस्फुटित है और

सनातन परंपरा का नया रुप उभरकर भगवान श्री राम की अयोध्या के मंदिर में स्थापना होने की अनुभूति हम सब अपने तन-मन से कर रहे हैं और अपने घर-द्वार, आंगन सजा रहे हैं।

राम ध्वज भगवा पताकाएं फहराई जा रही है। हमारी धार्मिक भावनाओं का ज्वार बिखरा हुआ है।

रामलला की अयोध्या में स्थापना से देश में चहुंओर उन्नति -विकास, नवऊर्जा का संचार और धार्मिक संकल्पों को मजबूती मिलेगी। तब जन-जन में यही भावना उमड़ेगी कि मेरी नगरी अयोध्या और इसके सारे वासी राम हो जायें, जन-जन के साकार सारे काम हो जाये हओ राम आएंगे... ! श्रीराम आपके व हमारे मन में पहले से ही रचे-बसे हैं, तन में राम, मन में राम, सारे जगत में राम समाया, जो समां बना वह हमनें सौभाग्य से पाया।


- मदन वर्मा " माणिक "

 इंदौर, मध्यप्रदेश

मो. 6264366070