नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को साल 2024 का अंतरिम बजट पेश करेंगी। रियल एस्टेट सेक्टर को इस अंतरिम बजट से आर्थिक सुधार और विकास के साथ ढेर सारी उम्मीदें हैं। इस क्षेत्र के स्टेकहोल्र्डस यह मान कर चल रहे हैं कि वित्तमंत्री रियल एस्टेट में निवेश को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लेकर आएंगीं। इसके साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भी प्रोत्साहित किया जाता है तो इससे सेक्टर को राहत मिलेगी। देश के रियल एस्टेट डेवलपर्स की सबसे बड़ी संस्था क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ को भी इस आगामी अंतरिम बजट से कई सारी उम्मीदें हैं।
उन्हें इस बार के बजट में होम लोन के टैक्स दायरे को बढ़ाने के साथ-साथ इस सेक्टर को उद्योग का भी दर्जा मिलने की उम्मीद है। गौड़ के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट का हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे इस बजट से होम बॉयर्स और डेवलपर्स के लिए मांग को प्रोत्साहित करने, तरलता संबंधी चिंताओं को दूर करने और नियमों को सरल बनाने के लिए रणनीतिक राजकोषीय उपाय की उम्मीद कर रहे हैं।
इस बजट से कई उम्मीदें हैं जो भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत करेंगे। गौड़ के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि में रियल एस्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए हमारी सबसे बड़ी उम्मीद रियल एस्टेट क्षेत्र को लंबे समय से प्रतीक्षित उद्योग का दर्जा देना है। यह मान्यता न केवल निवेश को और बढ़ावा देगी बल्कि नियमों को सुव्यवस्थित करेगी, जिससे सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए अधिक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 24 के तहत होम लोन की ब्याज दरों पर 2 लाख रुपए की टैक्स छूट को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपए करना जरूरी है। ऐसा करने से आवास के लिए और अधिक मजबूत बाजार को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर बजट होम सेगमेंट में,जो कि कोविड के बाद से डिमांड में गिरावट देखी गई है।
ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर अमिष भूटानी का कहना है कि आगामी बजट में अफफोर्डेबले सेगमेंट के लिए सरकार को राहत देनी चाहिए, जिससे खरीददारों को प्रोत्साहन मिल सके। आयकर छूट जैसे उपाय खरीदारों के उत्साह को बढ़ाएंगे। उनका यह भी कहना है कि सरकार को कॉमर्शियल रियल एस्टेट को भी प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर नीति पर काम करना चाहिए। सिंगल विंडो सिस्टम, एक समान ब्याज दरें और इनकम टैक्स में छूट जैसे उपाय रियल एस्टेट क्षेत्र को बेहतर बनाएंगे।