कुछ लिखूँ
पर क्या लिखूँ ?
लिखूँ उनका नाम,
या उनके नाम
सारा आसमां लिखूँ।
लिख दूँ उनसे जूड़ी हर बातें
या सारा जहां लिखूँ।
कुछ लिखूँ ,
पर क्या लिखूँ ?
धड़कते दिल की साज़ लिखूँ ,
या उनके आने की आगाज़ लिखूँ ।
मोतियों से सजे गले का हार लिखूँ
या अपने प्रेम का सार लिखूँ।
कुछ लिखूँ ,
पर क्या लिखूँ?
उनसे मिलने वाली आस लिखूँ
या उनपर जो है वो विश्वास लिखूँ,
उनसे होने वाली पहली मुलाक़ात
के पल खास लिखूँ,
या उनके प्यार का एहसास लिखूँ।
कुछ लिखूँ,
पर क्या लिखूँ?
हरपल उनसे मिलने वाली
शक्ति लिखूँ,
या उनके प्रति अपनी
भक्ति लिखूँ।
कुछ लिखूँ,
पर, क्या लिखूँ?
उनके चेहरे की मुस्कान लिखूँ,
या उनसे होने वाली पहचान लिखूँ,
दिल में जो है वो अरमान लिखूँ,
या हाथों पर जूड़ी उनसे लकीरों के निशान लिखूँ।
कुछ लिखूँ,
पर क्या लिखूँ?
स्वरचित कविता
प्रियंका संदीप गुप्ता
आसनसोल, पश्चिम बंगाल