अभिनेता एली खान ने पाकिस्तान और भारत में काम करने के तरीके पर की खुलकर बातचीत

अभिनेता एली खान अब तक कई बॉलीवुड फिल्मों में नजर आ चुके हैं। उन्हें जोया अख्तर की फिल्म 'द 'आर्चीज' में भी अहम भूमिका में देखा गया था। हाल ही में पाकिस्तानी मूल के इस अभिनेता ने पाकिस्तान और भारत में लोगों के काम करने के तरीके में महत्वपूर्ण अंतर के बारे में खुलकर की। एक बातचीत में अभिनेता ने बताया कि उन्होंने अपना करियर भारत में शुरू किया और अब तक जो भी सम्मान अर्जित किया है, वह वहीं से शुरू हुआ। 

उन्होंने स्वीकार किया कि जब उन्होंने पाकिस्तान में काम करना शुरू किया, तो वे पहले से ही लगभग फेमस हो चुके थे। अली ने उल्लेख किया कि उन्हें उन कुछ समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा, जिनका सामना पाकिस्तानी अभिनेताओं को करना पड़ता है। उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर की अन्य इंडस्ट्रीज में भी काम किया था, इसलिए उनके पास वह अनुभव था। 

अभिनेता ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की जनता अपने ही लोगों का आसानी से समर्थन नहीं करती है। जब अभिनेता भारत जाते हैं और वहां उनकी प्रशंसा होती है, तो अचानक कलाकारों की वैल्यू बढ़ जाती है। जब अभिनेता से भारत और पाकिस्तान में फिल्म इंडस्ट्री के बीच प्रमुख अंतर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि लोग बजट के बारे में बात करते हैं, लेकिन एक्सपोजर अधिक महत्वपूर्ण है। 

उन्होंने बताया कि 'भेजा फ्राई' नाम की एक फिल्म थी। इसे 50 लाख रुपये में बनाया गया था, लेकिन इससे 10 करोड़ रुपये की कमाई हुई। उन्होंने कहा कि उन्होंने 10 करोड़ रुपये में इसका सीक्वल बनाया, लेकिन यह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।

उनके मुताबिक, पाकिस्तान में जब वे किसी कमर्शियल शूट के लिए जाते हैं तो बजट काफी ज्यादा होता है। वे रोशनी में शूटिंग करना चाहते हैं और समय पर पहुंच जाते हैं, लेकिन लोगों का काम करने का तरीका अब भी उतना ही 'ढीला' है जितना पहले हुआ करता था। वास्तविक रूप से कार्य उस तरह नहीं हो रहा है जैसा होना चाहिए। अली ने बताया कि जिन शूटिंग के लिए 25 दिनों की आवश्यकता होती है, उनमें अक्सर 50 दिन लग जाते हैं और आम तौर पर तारीखों के टकराव में कोई समस्या नहीं होती है, क्योंकि अन्य प्रोजेक्ट में भी देरी हो रही होती है। इसीलिए जब वह भारत में काम करते थे तो उन्हें हर कुछ दिनों में वापस पाकिस्तान जाना पड़ता था।