ताइपे : ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रिटक पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष विलियम लाई की जीत के बाद चीन तिलमिलाया हुआ है। ताइवान को धमकी देने के बाद अब इस मामले में साथ देने के लिए उसे एक नया साथी मिल गया है। प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र नाउरू ने सोमवार को ताइवान से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं। नाउरू ने कहा कि वह अपनी राजनयिक मान्यता ताइवान से हटाकर अब चीन के साथ जोड़ रहा है। नाउरू द्वारा ताइवान से अपनी राजनयिक मान्यता हटाए जाने के बाद इस द्वीपीय राष्ट्र के अब 11 देशों तथा वेटिकन सिटी के साथ राजनयिक संबंध रह गए हैं।
संबंधित 11 देशों में से सात लातिन अमेरिका और कैरेबिया में हैं, जबकि तीन प्रशांत द्वीप समूह में और एक अफ्रीका में है। नाउरू सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वह ताइवान के साथ संबंध तोड़ रही है और चीन के साथ राजनयिक संबंध फिर से शुरू करने का विचार कर रही है। चीन यह दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है।
यह अकसर विकास सहायता के वादे के साथ द्वीपीय क्षेत्र के राजनयिक सहयोगियों को हटाता रहा है। यह दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही प्रतिस्पर्धा है जो हाल के वर्षों में चीन की तरफ झुकती दिखाई दी है। नाउरू सरकार ने विज्ञप्ति में कहा, यह नीति परिवर्तन नाउरू के लिए विकास के साथ आगे बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। यह घोषणा ताइवान द्वारा नया राष्ट्रपति चुने जाने के ठीक दो दिन बाद आई, जिन्हें चीन ने अलगाववादी बताया है।
उनकी पार्टी ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी' यथास्थिति बनाए रखने की वकालत करती है जिसमें ताइवान की अपनी सरकार हो और वह चीन का हिस्सा न हो। चीन का कहना है कि ताइवान को किसी न किसी बिंदु पर उसके नियंत्रण में आना होगा और उसने अपना दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करने के लिए द्वीप के चारों ओर सैन्य अभ्यास किया है।
ताइवान के उप विदेश मंत्री टीएन चुंग-क्वांग ने कहा, ‘‘चीन का इरादा उस लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर हमला करना है जिस पर ताइवान के लोगों को गर्व है। इस घोषणा ने ताइवान में नाउरू के राजदूत जार्डन केफास को आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा, “मुझे कुछ भी नहीं कहना है। मेरी सरकार ने इसकी घोषणा की है तथा मुझसे कहा गया है कि सामान ‘पैक करो और निकलो।