विश्व में सुख शांति का केवल प्रेम ही एकमात्र विकल्प: ब्रह्माकुमारी रानी बहन

सहारनपुर। नवीन नगर स्थित प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मेें आज ब्रहमा बाबा की पुण्यतिथि को संस्था द्वारा विश्व शान्ति दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था की मुख्य संचालिका ब्र.कु.रानी बहन ने बताया कि योग द्वारा जब हम परमपिता परमात्मा शिव बाबा से जुड़ जाते हैं तो उनकी शक्तियां और गुण हमारे अन्दर आने लगते है। 

इस विधि द्वारा परमात्मा शिव बाबा से शक्तियां लेकर भाई बहने पूरे विश्व में सुख शान्ति एवं शक्तियों के प्रकम्पन फैलाने का पुनीत कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर ब्र.कुम. सूरज प्रकाश अरोरा, डॉ. मेघराज, राजकुमार मित्तल,दिनेश, संजय काम्बोज, संदीप, सुधीर जैन, अनिल बजाज, अशोक लूथरा, सौरभ लूथरा, हरिओम, हिमांशु, बीरबल, चैन सिंह पठानिया, सुभाष बहुगुणा, दीपक ठकराल, सतीश शर्मा, सुमित्रा, अंजू, दीपा, निशा, सीमा शर्मा, विभा आदि मौजूद रहे। 

इसके अलावा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम सरसावा में प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का साकारी दुनिया से न्यारा होकर अव्यक्त हो जाने का दिन आज बड़ी धूमधाम से मनाया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में दिव्य शक्ति अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर संत श्री कमल किशोर जी का पुष्पगुच्छ, माला और शाल ओढ़ा कर सम्मान किया गया। 

आश्रम की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने बाबा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके बताया की बाबा जो कहते थे वही करते थे। 

विश्व शान्ति ही उनका लक्ष्य था। वे ब्रह्म मुहूर्त में उठते सदैव शिव की याद में मगन रहते और सभी मनुष्यों के भीतर आज्ञाकारिता, पवित्रता, धैर्यता,नम्रता, यथार्थता गुणग्राहकता, परोपकार, निश्चिंतता, हर्षित मुखता,स्वच्छता, स्फूर्ति, सहयोग, संतुष्टि, साहस, दृढ़ता, अनुशासन, सरलता, इत्यादि गुणों का प्रत्यारोपण करने का प्रयास करते इन गुणों को अपने जीवन में ढालने के लिए सभी को प्रेरित करते। 

शिव बाबा के संदेश को चारों तरफ फैलाने के लिए सभी भक्तों का आह्वान करते हुए ज्योति बहन जी ने कहा कि कलयुग जाने वाला है और सतयुग आने वाला है। हम सभी संगम युग मे हैं अतः हमें बाबा के जीवन से प्रेरणा लेकर वैसा बनना है। निर्विकारी, निरहंकारी, निराकारी बनो यह प्रजापिता ब्रह्माबाबा की वाणी के अंतिम बोल थे। 

मुख्य अतिथि संत कमल किशोर ने कहा कि मानव क्रोध में आकर अपना विवेक खो देता है।

मनोवैज्ञानिको द्वारा एक शोध मे पाया गया कि दुनिया में 99 प्रतिशत अपराध क्रोध की अवस्था में किए गए। कोई भी तलवार एक के दो टुकड़े कर सकती है,लेकिन प्रेम तलवार एक ऐसी तलवार है जो दो दिलों को जोड़कर एक कर सकती है। हम सभी को प्रेम के साथ रहना चाहिए। 

क्रोध में मानव के शरीर का टेंपरेचर,ब्लड प्रैशर और मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाता है और शरीर रोगग्रस्त हो जाता है।क्रोध से आयु घटती है जबकि मुस्कुराने और प्रेम से मनुष्य निरोग होकर दीर्घायु प्राप्त करता है। ऐसे में प्रजापिता ब्रह्मा बाबा द्वारा दिखाया गया मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।

कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर बाबा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में ब्रहमाकुमारी रेखा, ब्रहमाकुमारी राजकुमारी और ब्रहमाकुमारी गीता बहन ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम के सुचारु संचालन और प्रसाद वितरण मे भाई प्रितपाल,भाई सुशील,भाई बृजेश, भाई यशपाल,भाई श्रवण पाण्डेय और भाई प्रमोद की सेवा उल्लेखनीय रही। सैंकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।