उड़ान कल्पनाओं की

स्वप्न हमारे सब सच होंगे जो खुली आंख से देखेंगे

रात नींद में देखें सपने उड़ान कल्पनाओं में भर लेंगे।


अथक परिश्रम करके हम साकार स्वप्न सब कर लेंगे,

देखेंगे कुछ नवल स्वप्न उड़ान कल्पनाओं की भर लेंगे 


बिना स्वप्न जीवन है नीरस पशु सम खाकर पड़े रहना

सोच समझ बना योजना उड़ान कल्पनाओं की भर लेंगे।


कभी गगन में उड़ू पतंग सी कभी  सरोवर तट पर घूमूं,

कभी बन तितली के सम उड़ान कल्पनाओं की भर लेंगे 


कभी कल्पना में बन भौंरा पुष्प संग खेलूं पराग चुनूं 

मंद सुगंध मनभावन उड़ान कल्पनाओं की भर लेंगे ।


नदियां पहाड़ पक्षी कलरव झरनों की धुन हो जाऊं 

स्पर्श चांद करने को उड़ान कल्पनाओं की भर लेंगे।


मेघ बरस जब धरा समाए तब इंद्रधनुष सतरंगी छाए

इंद्रधनुष पाने की धुन उड़ान कल्पनाओं की भर लेंगे।


शून्य कल्पना का अलका आविष्कार सफल है करना

विचार दिमाग में धरकर उड़ान कल्पनाओं में भर लेंगे।


डॉ0 अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी'

लखनऊ उत्तर प्रदेश।