एक्सपोर्ट डिमांड में मजबूती, जीरे की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी की उम्मीद

नयी दिल्ली : अक्टूबर के हाई से तेज गिरावट के बाद अब जीरे की कीमतों के फिर से तेजी पकड़ने की उम्मीद दिख रही है। जीरे की डिमांड में बढ़त दिख रही है। जिससे आने वाले महीनों में जीरे की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस मसाले के दो सबसे बड़े उत्पादक गुजरात और राजस्थान में नए सीजन के लिए बुआई प्रगति पर है। पिछले कुछ महीनों के दौरान जीरे की निर्यात मांग में कमी देखने को मिली थी।

 जून-अक्टूबर 2023 की अवधि में जीरे की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 100-200 फीसदी बढ़कर 500-700 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई थीं। भारत जीरे का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो मिर्च के बाद देश से निर्यात होने वाला दूसरा सबसे बड़ा मसाला भी है। जून-अक्टूबर 2023 में जीरे की कीमतें 100-200 फीसदी बढ़कर 500-700 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं थीं। 

फसल की बुआई में कमी और गुजरात में मार्च-अप्रैल के दौरान फसल कटाई के समय बेमौसम बरसात के चलते जून-अक्टूबर 2023 में कीमतें आसमान पर पहुंचती दिखी थी। जीरे की कीमतों में बेतहाशा बढ़त के चलते एक्सपोर्ट पर भारी असर पड़ा था। 

मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-अगस्त 2023 में एक्सपोर्ट की मात्रा पिछले साल की समान अवधि से 24 फीसदी घटकर 69,779 टन रह गई थी। हालांकि कीमतों के चलते एक्सपोर्ट घटने को बावजूद निर्यातकों की कमाई पर असर नहीं पड़ा था। एक्सपोर्ट घटने को बावजूद निर्यातकों की कमाई में 26 फीसदी की बढ़त हुई और यह 2,426 करोड़ रुपये पर रही।

 वित्त वर्ष 2023 में जीरा निर्यात 1,86,508 टन तक पहुंच गया। जिसकी कीमत 4,194 करोड़ रुपए रही थी। लेकिन वर्तमान में गुजरात और राजस्थान में नई फसल की बुआई बढ़ने से जीरे की कीमतें अब तक के हाई से गिरकर लगभग 450 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं। हालांकि कीमत अभी भी पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है। इस बीच निर्यात मांग फिर से बढ़ गई है।