बरदह आजमगढ़ ।‘संस्कृति सेवा विकास मंचं के तत्त्वावधान में मां बबुना बालिका स्नातकोत् र विद्यालय बडगहन में आयोजित काव्यरचना - कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कमला सिंह तरकश द्वारा रचित नवप्रकाशित गज़ल संग्रह ‘मुक्ति का संग्राम ’ का विमोचन किया गया। गोष्ठ को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो• प्रभुनाथ सिंह मयंक ने कहा कि क्रांतदर्शी, जनपक्षधर कवि कमला सिंह तरकश द्वारा रचित ग़ज़ल संग्रह ‘मुक्ति के संग्राम में’ मानववादी अचूक वैचारिक विजयास्त्र है। इस ग़ज़ल संग्रह में न्याय ,समता, बंधुता तथा मनुजता-मुक्ति का प्रेरक उद्घोष किया गया है।
गजल की नवीन अभिव्यक्ति पद्धति और नये प्रयोगों के आधार पर वैश्विक स्तर पर सत्य के सर्वव्यापी प्रकाश के विकिरण का प्रभावशाली, शक्तिमान संदेश संप्रेषित किया गया हैl इसमें सिद्ध किया गया है कि कविता सामाजिक परिवर्तन, लोक मंगल, समरसता, एकात्मता तथा अंत्योदय की संप्राप्ति का सशक्त वैचारिक माध्यम है ।
प्रो• ‘मयंक’ ने काव्यरचना के मूल तत्त्वों और सिद्धांतों का विधिवत् निदर्शन करते हुए रचनाकारों को प्रशिक्षित कियाl उपस्थित कवियों - अनिलकांत राय, डॉ. छोटेलाल सरोज प्राचार्य ,रवींद्र यादव, दिवाकर शर्मा, नलिनी भारद्वाज आदि ने काव्य पाठ किया। ‘मुक्ति के संग्राम में’, यथार्थ का जय घोष, जननायक लोहिया, शेखर शतक, मंगलगाथा, मयंकचरित, मल्लिका, यथार्थ रामायण, संबुद्ध सुदर्शन तथा असुर नायक आदि काव्य ग्रंथों के रचनाकार कमला सिंह तरकश ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. छोटे लाल सरोज ने की तथा संचालन रबिंद्र यादव और कमला सिंह तरकश ने किया ।