सीखना की शुरुआत घर से होती है परंतु सिखना ज़िंदगी भर लाना पड़ता है -आशीष प्रताप सिंह

ब्यूरो वीके वर्मा 

बांसडीह (बलिया) : शिक्षा सतत स्थानांतरित होने वाली प्रक्रिया है। एक बालक के रूप में घर से जो सीखने की जो शुरुआत होती है वह जीवनपर्यंत भिन्न भिन्न स्थानों और समय के अनुरूप चलती रहती है। उक्त बातें शिक्षक नेता आशीष प्रताप सिंह ने असेगा (बेरुआरबारी) स्थित जय चमन कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी परिसर में नवप्रवेशी छात्रों के नये सत्र 2023-24 के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में कही। कहा कि आज शिक्षा का जो बाजारीकरण हो रहा है । 

उसकी उपयोगिता सिर्फ प्रमाणपत्र प्राप्त करने तक ही सिमित है वह शिक्षा कभी भी ज्ञानवर्धक नहीं हो सकती। समारोह में शिक्षक विनायकशरण सिंह ने कहा कि शिक्षा ही सबसे सस्ता साधन है जो हमें संस्कार से परिपूर्ण करता है।पूर्व जिला पंचायत सदस्य बब्बन गिरि ने नवप्रवेशी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आप अपने अंदर सदा सेवा भाव की भावना रखें। 

विद्यालय के प्रबंधक सुनील सिंह ने सभी छात्रों को शुभकामनायें देते हुए सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्य रूप से विनायक शरण सिंह,जय प्रकाश शर्मा,बब्बन गिरी, संजय सिंह,मदन गिरी, राहुल सिंह,अवधेश यादव,उमापति राजभर, स्वामीनाथ यादव,अध्यक्षता डॉ. जनार्दन सिंह तथा संचालन सुजीत तिवारी सबके प्रति आभार डॉ. प्रचार्य ज्ञान प्रकाश शुक्ला ने किया।