दूषित जल अथवा पीने का पानी खरीदकर पीने की भी है बाध्यता
दुल्लहपुर/गाजीपुर। क्षेत्र के खड़ौरा छतमा खुदाबख्शपुर डिल्ला आदि गांवों की लगभग हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि खेती किसानी कार्य से बंचित रह जाती है। व्यक्तिगत सिंचाई संसाधन के अलावा सरकारी सिंचाई संसाधन जैसे नहर नलकूप का पूरा अभाव है। गांव के करीब से होकर पानी से लबालब भरी मरदह राजवाहा जाती तो है।
परंतु शाखा माईनर नहीं होने के कारण मंहगाई की मार झेलते हुए किसान यातो व्यक्तिगत संसाधन के जरिए किसी तरह खेती करते हैं अथवा भगवान भरोसे छोड़ देते हैं। उपरोक्त गांवों में नहर तो नहर कोई सरकारी नलकूप की भी सुविधा मुहैया नहीं है। किसानों की लंबे समय से खेती किसानी के निमित्त सिंचाई संसाधन की मांग सरकार और जनप्रतिनिधियों से की जाती रही है।
परंतु सरकारें बनती हैं बिगड़ती हैं लेकिन संबंधित किसानों की समस्याओं की तरफ किसी ने ध्यान देने की कोशिश नहीं किया। यहां तक कि पेय जल सुलभता के लिए कटिबद्ध सरकार की हर घर जल मिशन योजना के अंतर्गत नल के माध्यम से शुद्ध जल की मंशा भी खड़ौरा बड़ागांव छतमा खुदाबख्शपुर के लिए दिवास्वप्न बनकर रह गया है।
लोगों ने बताया कि खड़ौरा गांव में पंद्रह सोलह सौ फीट गहरी बोरिंग होने के बावजूद कार्य में कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही। जिसके चलते लोग दूषित जल सेवन करने अथवा पीने का पानी खरीदकर पीने को लाचार हैं। गांव के गौरीशंकर पाण्डेय, चंद्र कुमार पाण्डेय मोती पाण्डेय पवन कुमार पांडेय आदि लोगों ने समस्याओं की तरफ एक बार फिर सरकार और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समस्या समाधान की मांग किया है।