विद्याधन अनमोल रत्न है
जो पाता वो धनवान
ना होता इनका बँटवारा
नहीं चुरा पाता चोर शैतान
विद्याधन अनमोल रत्न है
संचयी बन जाता धनवान
विद्या ददाति विनयं जग में
बनाती जग में महान
विद्याधन अनमोल रत्न है
तप से प्राप्त होता है ज्ञान
जाती पाँति का भेद नहीं है
गुरू से मिलता है ज्ञान
विद्याधन अनमोल रत्न है
महत्ता प्रभु से भी महान
सेवा भक्ति से ही मानव
श्रम से पाता है ज्ञान
विद्याधन अनमोल रत्न है
सब धन तुच्छ समान
राजा अपने राज में पाता धन
देश विदेश में ज्ञानी पाता सम्मान
विद्याधन अनमोल रत्न है
ताला की जरूरत नहीं जान
जिस तन में होता इनका वास
वो मन स्वर्ग के समान
उदय किशोर साह
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
9546115088