महिला स्वयं सहायता समूह की एक दिवसीय मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ

बांदा : ले० जनरल / उपाध्यक्ष, उ०प्र० राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, लखनऊ योग्रेन्द्र डिमरी, आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बांदा बालकृष्ण त्रिपाठी एवं जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल की उपस्थिति में राजादेवी कॉलेज में महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भूमिका के सम्बन्ध में एक दिवसीय मण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला में ले०जनरल योग्रेन्द्र डिमरी ने कहा कि उ०प्र० राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण दैवीय आपदाओं के प्रति संवेदनशील है। विभिन्न दैवीय आपदाओं जैसे सर्पदंश, सूखा, अतिवृष्टि, आग लगने, नदी में डूबने, बाढ आदि से जनहानि एवं धनहानि होती है। इन आपदाओं में सबसे अधिक महिलायें, बच्चे व अधिक उम्र के लोग प्रभावित होते हैं। 

इन आपदाओं में होने वाली हानि को कम करने व उनके प्रति सतर्क सजग रहने के लिए महिलाओं स्वयं सहायता समूहों को जागरूक किये जाने के सम्बन्ध में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन में बचाव के लिए 1800 स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी आपदाओं में आपातकालीन स्थिति में बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए महिलायें एक-दूसरे को संगठित कर बेहतर सहायता प्रदान करती हैं। 

उन्होंने कहा कि मा० प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री उ०प्र० के दिशा निर्देशों में आपदा जोखिम प्रबन्धन में महिलाओं की सहभागिता की जाए तथा उन्हें जागरूक करने के लिए कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में विभिन्न आपदाओं से बचाव की जानकारी दी जा रही है। इसका स्वयं सहायता समूह की महिलायें गहनता से समझकर अन्य समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य करेंगी।

कार्यकम में आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बांदा बालकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि विभिन्न दैवीय आपदाओं में महिलायें, बच्चे, बीमार व अधिक उम्र के लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि सर्पदंश, आकाशीय विद्युत गिरने, बाढ आदि आपदाओं से अधिक जनहानि होती है। इसलिए आपदाओं से बचने व उनसे होने वाली जनहानि को कम करने के उपायों को जानना अति आवश्यक है। अतः स्वयं सेवी सहायता समूह बाढ, अग्निकाण्ड, सडक दुर्घटना, नाव दुर्घटना एवं अन्य आपदाओं के सम्बन्ध में बचाव के उपायों को कार्यशाला में समझकर आवश्यकता पड़ने पर इन उपायों का उपयोग करें तथा अन्य लोंगो को भी दैवीय आपदा के समय बचाव के प्रति जागरूक करें।

जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला स्वयं सहायता समूह की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें महिलायें आपदा से बचाव की जानकारी कर लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आग लगने, सर्पदंश, बाढ के समय, नाव दुर्घटना आदि आपदाओं पर किस प्रकार बचा जा सकता है, के सम्बन्ध में विस्तार से कार्यशाला में दी जा रही जानकारी को समझकर आपदा जोखिम को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें।

कार्यशाला में मण्डल के विभिन्न जनपदों से आयी महिलाओं से पत्येक जनपद की महिलाओं से आपदा प्रबन्धन के सम्बन्ध में प्रश्न पूंछकर पाँच-पाँच सर्वश्रेष्ठ महिलाओं को सही उत्तर देने पर सम्मानित किया गया। कार्यकम में परियोजना प्रबन्धक उ०प्र० राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, लखनऊ डॉ० कनीज फतिमा, अपर जिलाधिकारी वि०/रा० राजेश कुमार, नगर मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारीगण एवं विद्यालय के प्राचार्य तथा बडी संख्या में स्वयं सहायता समूहों की महिलायें उपस्थित रहीं।