प्रिय दर्शन की ललक जगावे

सर सर चलत बयरिया सुनो री सखी

फर फर उडत चुनरिया सुनो री सखी


चलत बयरिया द्वार खटकावे 

प्रिय दर्शन की ललक जगावे

खन खन बजत सांकरिया सुनो री सखी

फर फर उडत चुनरिया सुनो री सखी


शीतल पवन मोरा जिया झुरसावे

प्रीतम बिन मोहे चैन न आवे

पलकन घिरत बदरिया सुनो री सखी 

फर फर उडत चुनरिया सुनौ री सखी


साज श्रृंगार मोरे मन ही न भावे

भूख प्यास तन वदन को खावे

अंसुवन भरत गगरियां सुनो री सखी

फर फर उडत चुनरिया सुनौ री सखी


हर इक आहट पे दिल आस जगावे

पवन झकोरा छुए पिय सा जतावे

खोजत अलका नजरिया सुनो री सखी

फर फर उडत चुनरिया सुनौ री सखी।


सर सर चलत बयरिया सुनो री सखी

फर फर उडत चुनरिया सुनो री सखी


डॉ0 अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी'

लखनऊ उत्तर प्रदेश।