ग्राम्य विकास सेक्टर की समीक्षा बैठक की गई

आजमगढ़ : जिलाधिकारी  विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कल देर सायं कलेक्ट्रेट सभागार में ग्राम्य विकास सेक्टर की समीक्षा बैठक की गई। जिलाधिकारी ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत अस्थाई गौआश्रय स्थलों का निर्माण तय समय सीमा के अंतर्गत कराये जाएं तथा छुट्टा घूम रहे निराश्रित गोवंश को संरक्षित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को कैटिल कैचर से अब तक ब्लॉक स्तर पर पकड़े गए एवं संरक्षित किए गए कि निराश्रित गोवंश का रजिस्टर मेन्टेन करने का निर्देश दिया।

कायाकल्प योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि टायलीकरण, क्लासरूम, बाउंड्री वॉल, पानी, शौचालय एवं किचन सौंदर्यीकरण आदि कार्यां को निर्धारित पैरामीटर के अनुसार कराने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि पेंडेंसी को खत्म कर छोटे-छोटे कार्यों को पूर्ण कर सेचुरेट करें तथा विभाग की ग्रेडिंग एवं रैंकिंग को सुधारे। मनरेगा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि से संबंधित कार्यों को चिन्हित कर कार्य प्रारंभ करायें। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक जॉब प्रत्येक विकासखंड एवं ग्राम पंचायत में सुनिश्चित किया जाए। 

जिलाधिकारी ने कहा कि अधूरे अमृत सरोवर का निर्माण तत्काल पूर्ण करायें तथा नए बनने वाले अमृत सरोवर का चिन्हीकरण करते हुए कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास (ग्रामीण) को जारी की गई किस्त के सापेक्ष काम को पूर्ण करते हुए अगली किस्त जारी करें। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में अपात्र को आवास की सुविधा न दी जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक दिन गौ आश्रय स्थल का निरीक्षण करें तथा एसएचजी समूहों को गौ आश्रय स्थलों से जोड़े तथा उनकी आय में वृद्धि करने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पलायन कर गए लोगों को उनके संबंधियों से मिलकर पता करें तथा यदि नहीं आते हैं तो रिकवरी किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो मृतक हो गए हैं, उनके वारिस से आवश्यक कार्रवाई करते हुए डिटेल लेकर उनके आवास की किस्त जारी करें। उन्होंने कहा की किस्त जारी होने के बाद भी जहां आवास का निर्माण नहीं हो रहा है, वहां पर पंचायत सचिव मौके पर जाकर निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अच्छे एसएचजी समूह की सक्सेस स्टोरी को अन्य लोगों से साझा करें, ताकि उससे अन्य लोग भी प्रेरित हों।

 उन्होंने कहा कि एसएचजी समूह के उत्पादों की ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग तथा बाजार भी उपलब्ध कराया जाए। आरआरसी केन्द्रो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्ण हो चुके भवनों का तत्काल संचालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि मॉडल गांव में कंपोस्ट पिट, फिल्टर चैंबर, आरआरसी सेंटर, शोक पिट, ई रिक्शा तथा निजी शौचालय आदि के कार्य निर्धारित मानक के अनुसार कराया जाए। उन्होंने कहा कि लंबित आरआरसी सेंटर का निर्माण मानक के अनुरूप आबादी से निश्चित दूरी पर बनाया जाए। इसके साथ ही बीसी सखी, विद्युत सखी, राज्य वित्त आयोग, 15वां वित्त आयोग की धनराशि का उपयोग आदि कार्यों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। 

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री परीक्षित खटाना, डीसी एनआरएलएम, परियोजना निदेशक श्री अखिलेश तिवारी, जिला विकास अधिकारी श्री संजय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत दर्वे, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं समस्त खंड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।