मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को हुई स्किलवर्थ अटेंडेंट (एसबीए) प्रशिक्षण

आठवां बैच के 21 दिवसीय स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट प्रशिक्षण का हुआ समापन

मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका, जिला महिला चिकित्सालय से डॉ. सुनीता सिंह ने प्रदान किए प्रशस्ति पत्र

बांदा : मातृ-शिशु मृत्यु दर को रोकने समेत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने को लेकर जिला महिला अस्पताल में प्रशिक्षण कार्यशाला  हुई। कार्यशाला में प्रसव की जटिलता और समस्याओं के निस्तारण के बारे में  प्रशिक्षण दिया गया। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट (एसबीए) प्रशिक्षण का उद्देश्य  प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव उपरान्त प्रक्रिया को सुरक्षित बनाना है। प्रसव के दौरान किसी भी जटिलता की स्थिति में आकस्मिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था करना तथा आवश्यकतानुसार सन्दर्भन करना ताकि गुणवत्तापरक प्रसव सेवाएं प्रदान की जा सकें। 

जिला महिला अस्पताल में 21 दिवसीय स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट ट्रेनिंग के समापन पर चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी0के0 पांडे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ-शिशु मृत्यु दर रोकने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में स्वास्थ्य कर्मियों जैसे स्टाफ नर्स, ए0एन0एम0 की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि जनपद में आठवां बैच को पूर्ण किए जाने हेतु राज्य स्तर से निर्देश प्राप्त हुए थे जिन्हें पूर्ण कर लिया गया है

 जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुशल यादव, और जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता  अमन गुप्ता, ने बताया कि प्रशिक्षण में स्टाफ नर्स को एनिमिक गर्भवती को एनिमिया से बचाव, प्रसव के दौरान पीपीएच प्रबंधन ,एंक्लैप्सिया (बीपी हाई होने की वजह से प्रसव से पहले, प्रसव के दौरान, प्रसव पश्चात गर्भवती को दौरे आना), स्तनपान, कंगारू मदर केयर, प्रसव पश्चात देखभाल, प्रसव पूर्व परीक्षण, प्रसव पूर्व रक्तस्राव आदि की जानकारी दी गई। 

इस मौके पर प्रसव में आने वाली जटिलता का भौतिक और मौखिक दोनों प्रशिक्षण दिए गए।

जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार अमन गुप्ता व स्टाफ नर्स श्रीमती कामनी, श्रीमती शुभ्रा द्वारा प्रतिभागी स्टाफ नर्स को बताया गया कि एएनसी जांच, सामान्य प्रसव, आवश्यक नवजात शिशु देखभाल, संक्रमण की रोकथाम, बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन, पीपीई किट पहनने के सही तरीके को रोल प्ले के माध्यम से समझा कर प्रशिक्षित किया गया |

इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुनीता सिंह, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता श्री अमन गुप्ता, मास्टर ट्रेनर डॉ पी0के0 पांडे, स्टाफ नर्स शुभ्रा व अन्य मौजूद रहे। समापन पर प्रशिक्षुओं को मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका जिला महिला चिकित्सालय डॉ सुनीता सिंह के द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया।