प्रेम है तो

प्रेम है तो खोने का डर है

प्रेम है तो ईर्ष्या हैं

प्रेम है तो भाव है

प्रेम है तो प्रतीक्षा है

प्रेम है तो प्रयास है

प्रेम है तो प्रश्न है

प्रेम है तो उत्तर भी है 

प्रेम है तो रहस्य है

प्रेम है तो विरह है

प्रेम है तो विश्वास है

प्रेम है तो समावेश है 

प्रेम है तो सहज है

प्रेम है तो संभव है

प्रेम है तो आतुर हैं

प्रेम है तो संयोग है 

प्रेम है तो आवेग है

प्रेम है तो शब्द हैं

प्रेम है तो मौन है।

प्रेम है तो भविष्य है।

प्रेम है तो प्रेरक है

प्रेम है तो संग्रह हैं 

प्रेम है तो प्रसंग है

प्रेम है तो स्वीकृत है 

प्रेम है तो अभिव्यक्त है 

प्रेम ही निवेश योग्य है

प्रेम है तो स्पष्ट है

प्रेम है तो स्पर्श भी है 

मेरे लिए यदि प्रेम है 

तो वो सिर्फ तुम हों ।


-- अन्नुप्रिया

कटिहार , बिहार