हरदीप पुरी: पेट्रोल सस्ता करने पर जनवरी बाद OMC ले सकती है फैसला

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब कच्चे तेल की कीमतें 77 डॉलर प्रति बैरल (पिछले छह महीने का सबसे न्यूनतम स्तर) पर है तो पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमत में राहत को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी एक तरफ तो यह कहते हैं कि खुदरा कीमत घटाने को लेकर तेल कंपनियों से कोई बात नहीं हो रही और इस बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लेकिन एक अन्य सवाल के जवाब में वह यह भी कहते हैं कि सरकारी तेल कंपनियां (OMC) तीसरी तिमाही के परिणाम के बाद इस बारे में फैसला भी कर सकती हैं।

इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) इस महीने के अंत में अपने वित्तीय परिणामों (अक्टूबर से दिसंबर, 2023) का खुलासा करेंगी। बाजार के विश्लेषक मान कर चल रहे हैं कि इन कंपनियों को एक बार फिर जोरदार मुनाफा होगा। वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में इन्हें जबरदस्त मुनाफा कमाया है।

 पुरी का कहना है, पूरे देश में पर्याप्त मात्रा में और सही कीमत पर ईंधन उपलब्ध कराना सबसे पहली प्राथमिकता है। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह काम पिछले कुछ वर्षों में बखूबी किया गया है। दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें सबसे ज्यादा स्थिर रही हैं। अभी भी जिस तरह के हालात दुनिया में है वह तेल व गैस की आपूर्ति व कीमतों को काफी प्रभावित कर सकती हैं।

इस संदर्भ में पेट्रोलियम मंत्री लाल सागर में आतंकियों की तरफ से किये जा रहे हमले का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मौजूदा स्थिति काफी नाजुक है। जिस समुद्री मार्ग पर हमला हुआ है वहां से दुनिया को काफी बड़ी मात्रा में ईंधन की आपूर्ति होती है। इस वजह से तेल आपूर्ति करने वाली कंपनियां दूसरा लंबा मार्ग अपना रही हैं जिससे लागत भी बढ़ रही है और समय भी। यह चिंताजनक है।

'...तेल कंपनियों से नहीं हो रही बात' पेट्रोलियम मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि कीमत को घटाने बढ़ाने को लेकर सरकार की तेल कंपनियों से कोई बात नहीं हो रही। इस बारे में तेल कंपनियों को स्वयं ही फैसला करना है। तेल कंपनियां तीसरी तिमाही के परिणामों के बाद फैसला लेने की स्थिति में होंगी।

पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने इस बात को खारिज किया कि भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद कम कर दी है और यह इसलिए किया है कि दोनो देशों के बीच भुगतान संबंधी कुछ समस्याएं आ रही हैं। उन्होंने कहा,

आज भी भारत रूस से रोजाना 15 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद कर रहा है, जबकि रोजाना की औसतन खरीद 50 लाख बैरल की है।

इस संबंध में हाल ही में कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खबर दी थी कि भारत ने रूस से तेल नहीं खरीद रहा है लिहाजा रूसी क्रूड के बिक्रेताओं ने अब दूसरे देशों में अपने माल की बिक्री की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है।

सनद रहे कि भारत फरवरी, 2022 तक रूस से अपनी कुल तेल खरीद का सिर्फ 0.3 फीसद ही आयात करता था, लेकिन अब यह हिस्सा बढ़कर 30 फीसद के करीब हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगने के बाद रूस ने भारत को डिस्काउंट पर कच्चे तेल की आपूर्ति शुरू की है।