पुरानी बातें नए नाम

वे बड़े उत्साही हैं। ईश्वर ने उनमें उत्साह कूट कूट कर भरा और भेज दिया जमीन पर। चाहे हो कोई भी अवसर वे हमेशा रेडीमेड तैयार मिलेंगे। किसी का भी काम हो खुद करने में विश्वास रखते हैं। उन्हें उद्घाटन का, फोटो खिंचवाने का और छायाचित्रों के माध्यम से समाचारपत्रों पर पसर जाने का बड़ा शौक है।  जब कभी आशा से कम चित्र छपते  हैं तो वे खंभा नोचते हैं, तिलमिलाते हैं, भुनभुनाते हैं।

अपने विरोधियों से वे दांत काटी दुश्मनी निभाते हैं। अगर दिन को उनके विरोधी दिन कहते हैं तो वे उसका भी विरोध करते हुए साबित करने की नाकाम कोशिश करते हैं कि यह रात है। जब कभी उनसे कोई बात मनवानी हो तो विरोधी उसके विपरीत बोलकर इन्हें लपेटे में ले लेते हैं। इनमें वैसे कमियों की कमी नहीं है फिर भी उन कमियों को यह खूबी मानकर चलते हैं। इनके हर काम को महान साबित करते अंधानुयायी साथी हैं, चरणभाटों सा भजन और तारीफों के कसीदे पढ़ते भक्त हैं। बिरुदावली लिखते पत्रकार हैं। मतलब सारा इंतजाम किया कराया रेडीमेड है।

इनका शगल है गरीबों को गरीब रखना लेकिन अमीरों को दोस्त बनाकर और अमीर बनाना। जिंदगी में बहुत सी दबी इच्छाएं रहीं जो अब ये पूरी कर रहे हैं। अभावों को त्याग पूरा भाव पा रहे हैं। कुछ इच्छाएं अधूरी की अधूरी ही रह गईं, उनके बारे में चर्चा करना यहां मुनासिब नहीं, वरना यहां भी सेंसर लग जाएगा। किसी और के किए गए कामों को अपना बताना भी इन्हें भाता है। 

किसी और की संतान को अपना कह सकने की हिम्मत रखते हैं। 

यही नहीं उन्हें पुरानी चीजें हटा नई चीजें देखने का भी शौक है। भले ही वे पुराने हों, किसी की मेहनत हो, किसी का अपना इतिहास हो,  इन्हें सारा कुछ बदलने में इतनी खुशी मिलती है जितनी खुजली वाले बंदे को खुजाते हुए मिलती है। जुगाड़ ऐसा कि बस सामने वाला मुंह टापता रह जाए। 

अपने पहले वालों की तरह बनते लेकिन न उनकी तरह का ज्ञान विज्ञान है, न हिम्मत है, न सादगी है, न उच्च शिक्षा और अध्ययन है, न बिना देखे धारा प्रवाह बोलने की क्षमता है और न विश्लेषणात्मक सोच ही है। कुछ न हो सका पूर्वजों की तरह। सो पुरानी चीजों पर से धूल झाड़कर नाम बदलकर नया दिखाने की नाकाम कोशिश करते हैं। अब राखो लाज हरी।

डॉ0 टी0 महादेव राव

विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश)

9394290204