मानवता से बढ़कर से कोई धर्म नहीं: कुश पासवान

कड़ाके की ठण्ड में गरीबो को बांटे कम्बल

सहारनपुर । जरूरतमंदों व असहायों की सेवा करना प्रत्येक मानव का धर्म है। हमें उन लोगों की सेवा करनी चाहिए जो आर्थिक रूप से कमजोर है, तथा समाज के निचले पायदान पर हैं। उक्त विचार कुश पासवान ने आज कम्बल वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इस कड़कड़ाके की ठण्ड में निर्बल, दलित वंचित, व जरूरतों की सेवा करना परम धर्म है। उन्होंने कहा कि हमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की हर संभव मदद समय-समय पर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों को खुशियां बांटने से ही आत्मिक शांति का बोध होता है। 

दलित सेना के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र कुमार बौद्ध ने बताया कि केन्द्रीय खाद्यमंत्री भारत सरकार पशुपति कुमार पारस के पी.ए. कुश पासवान समय-समय पर कैम्प लगाकर गरीब, जरूरतमंद, दलित, शोषित व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सेवा करते हैं। उन्होंने बताया कि कुश पासवान द्वारा कैम्प लगाकर कम्बल एवं दवाईयांे का वितरण किया गया। जिसमें भारी संख्या में गरीब लोगों को गर्म वस्त्र वितरित किए गये। कुश पासवान का कहना है कि हमें समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की हर संभव मदद करनी चाहिए। 

दलित सेना के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र कुमार बौद्ध ने कहा कि निराश्रितों की सेवा करना उनका मुख्य ध्येय है। उन्होंने बताया कि दलित सेना कैम्प लगाकर निःशुल्क मेडिकल कैम्प एवं समय-समय पर अन्य जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करती है ताकि समाज के दलित, शोषित, वंचित व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मानवीय सेवा की जा सके। 

उन्होंने लोगो से आहवान किया कि वे इस मुहिम में दलित सेना से जुड़कर समाजसेवा के प्रति जागरूक हो ताकि दूसरों को सहारा मिल सके। उन्होंने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं दलित सेना संस्थापक स्व.राम विलास पासवान ने गरीबों व दलितों के हित कठोर निर्णय लिये तथा उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए  सरकार के माध्यम से अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित करवायी जिसका लाभ आज समाज के लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्व.पासवान ने हमेशा दलित, समाज व शोषितों के लिए कार्य किये। दलित समाज सदैव स्व.पासवान का ऋणी रहेगी। उन्होंने दलितो के उत्थान के लिए भरसक प्रयास कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया। 

सुरेन्द्र कुमार बौद्ध ने कहा कि निःशुल्क मेडिकल, कम्बल वितरण के माध्यम से समाज के उन लोगों को सेवा की जा रही है तो निसहाय हैं। उन्होंने कहा कि समाज के अन्य लोगों को भी इस नेक कार्य के लिए आगे आना चाहिए ताकि समरसता बनी रहे।