॥ छब्बीस जनवरी ॥

दूरभाष के ऊँचे टावर पर जलता लाल आला

गाँधी जी के गले में शोभे गेंदा फूल का माला

बिजली की मँहगाई से रो रही है आज मरकरी

यही है बाबुजी पावन देश में छब्बीस जनवरी


पूस की ठंड में गिर रहा है  काली रात पाला

 भ्रष्ट राजनेता के पीछे पड़ गया ई डी वाला

भ्रष्टाचारी की थी कमाई वापस आई सरकारी

यही है बाबुजी पावन देश में छ्ब्ब बीस जनवरी    


जाँच ऐजेन्सी में सबसे आगे चल रहा ई डी वाला

घोटाले में की गई कमाई निकला उनका दीवाला

जेल में बेल नहीं होने पर रोती उनकी    महतारी

यही है बाबुजी पावन देश में छब्बीस      जनवरी 


भ्रष्टाचारियों  को आज पड़ा है  मोदी से      पाला

जब्त हो रही उनकी संपति घर में लटका    ताला

जमा किया था बैमानी संपति जो था कल सरकारी

यही है बाबुजी पावन  देश में छब्बीस        जनवरी


बी ए एम ए पास युवा भूल गया ज्ञान की     भाषा

सरकारी नौकरी के चक्कर में बैठा लगाये    आशा

कहाँ से लाऊँ इतनी नौकरी भाई जी         सरकारी

यही है बाबुजी पावन देश में छ्ब्बीस         जनवरी


गठबंधन में पड़ी दरार कैसा था वो उनका    वादा

पी एम मोदी को पछाड़ने जोड़ा था स्वार्थ का नाता

सीट बँटवारे में छिड़ गई युद्घ जग में हुई   किरकिरी

यही है बाबुजी पावन देश में छब्बीस          जनवरी


उदय किशोर साह

मो० पो० जयपुर जिला बांका बिहार

9546115088