विद्युत उपकेन्द्र के पुराने सामान गायब,जमीन पर हो रही खेती

गोण्डा। जिले के धानेपुर क्षेत्र में आदर्श व आकांक्षी नगर पंचायत सहित सम्पूर्ण क्षेत्र को रोशन करने वाला 33/11 के.वी. का विद्युत उपकेन्द्र अफसरों की उदासीनता के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां पर तैनात उपखण्ड अधिकारी सिर्फ अपनी ड्यूटी बजाते हैं,उन्हें विभाग की सम्पत्ति से कोई लेना देना नही होता है। विगत कई वर्षों से उपकेन्द्र की जमीन पर खेती की जा रही है। फसलें कौन किसके शह पर उगा रहा है इस बात की पुख्ता जानकारी होने के उपरान्त भी अफसरों की मौन स्वीकृति उर्वरक की तरह फसलों को पोषण प्रदान करतीं है। यही नही यहां बने पुराने निवास स्थानों की खिड़कियाँ दरवाजे कौन उखाड़ ले गया इसकी कोई जानकारी नही है। 

यही आज से कुछ वर्ष पूर्व उपकेन्द्र में कई हरे पेड़ लगे थे उन पेड़ों का अस्तित्व समाप्त होने के उपरान्त लकड़ियाँ कहाँ गयी इसका भी हिसाब नही है। यही नहीं नल की मशीन खोली जा चुकी है और पानी की टँकी गायब हो गई है। उपकेन्द्र के चारों तरफ लोहे के इंगल,कंटीले तार भी गायब कर दिया गया है। यहाँ हर चीज जो परित्यक्त होती है,वह गायब होती जा रही है लेकिन यहां के अफसरों को इसकी कोई चिंता नही है और ना ही इस मनमानी को रोकने के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है। 

बिजली के कीमती उपकरण,पुरानी मशीनें,ट्रांसफार्मर,वायर इत्यादि वाल बाउंड्री विहीन उपकेन्द्र में खुले आसमान के नीचे बेतरतीब पड़े देखे जा सकते हैं। इसी का नतीजा है कि अक्सर यहां से चोरी की घटनाएं सामने तो आतीं हैं पर उन घटनाओं पर धूल डाल दी जाती है। 

नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित इस उपकेन्द्र के चारों तरफ बाउंड्री नही है जिसके कारण खाली पड़ा मैदान पशुओं के जमावड़े व बच्चों के खेलने के काम आता है। कभी कभी तो कार्य दिवस में मवेशियों के तांडव से आने वाले उपभोक्ताओं में भगदड़ भी हो चुकी है,लेकिन व्यवस्था में कोई फेरबदल नही हुआ। आदर्श व आकांक्षी नगर पंचायत धानेपुर विकास के पथ पर अग्रसर है लेकिन विद्युत विभाग न तो विभागीय सम्पत्ति की सुरक्षा में रुचिकर है और ना ही स्वच्छ भारत मिशन को तरजीह देता दिख रहा है।