बेतूके गानों पर थिरकते हम

आइए बॉलीवुड के बेतुके गानों में खुद को बेवकूफ बनाने के सफर पर ले चलते हैं-

1. "चोली के पीछे क्या है": यह शाश्वत प्रश्न है, जिसका उत्तर कोई नहीं चाहता है। क्योंकि इसे कल्पना पर छोड़ देना शायद बेहतर है।

2. "मेरा नाम चिन चिन चू": अब अपने बच्चे का नाम चिन चिन चू रखेंगे तो निश्चित रूप से जीवन भर नाम का मतलब समझाते-समझाते बेफिजूल में शहीद हो जायेंगे।

3. "मैं लैला लैला चिल्लाऊँगा कुर्ता फाड़के": हाँ ऐसा कर लीजिए। बस ध्वनि प्रदूषण के नाम पर इसी चीज़ की कमी रह गयी थी।

4. "सर जो तेरा चकराये": जब आपका सिर घूमने लगे, तो तुरंत कोई ऐसा गाना गाएं और नाचें क्योंकि यही बेतूकी हरकतें आपको ठीक कर सकती हैं।

5. "आती क्या खंडाला": सदियों पुराना सवाल जो आज भी हर किसी को भ्रमित करता है। कोई नहीं जानता कि "खंडाला" में ऐसा क्या है जो इतना खास है।

6. "तंदूरी नाइट्स": क्योंकि रोमांस के संदर्भ में तंदूरी आइटम के बारे में बात करना पूरी तरह से सामान्य है।

7. "मेरा दिल ले गई ओए": ले गई कहां? हमेशा अपने दिल पर नज़र रखें - यह अपने आप भटक सकता है।

8. "तुनक तुनक तुन": जब शब्द विफल हो जाएं, तो बस कुछ इस तरह की यादृच्छिक ध्वनियां बनाएं और इसे एक गीत कहकर खुद को बेवकूफ बनाएँ।

9. "एक दो तीन चार": आइटम नंबर के संदर्भ में भी गिनती महत्वपूर्ण है। हमारे गीतों की यह गारंटी है कि अच्छा खासा गणितज्ञ भी गिनती भूल सकता है। इसलिए गिनती याद रखवाने के लिए ऐसे गीत बनाते रहना चाहिए। अच्छा होता यह गीत तीस से आगे और कम से कम सौ तक बना दिए जाते बढ़िया होता।

10. "छैया छैया": सही है। जब तक खतरनाक रूप से तेज़ गति से चलने वाली ट्रेन पर सवारी कर अपना प्यार न दिखा लें, तो सामने वाली कैसे मानेगी। वह तो यही जाँच करना चाहती है कि आप उसके प्यार के लिए कितना खतरा उठा सकते हैं।

11. "मेरी पैंट भी सेक्सी": जाहिर तौर पर कपड़ों के रेशों  में भी भावनाएँ होती हैं। प्रेमी पास न भी हो तो कोई बात नहीं, कपड़ों से ही प्यार कर लों। वे ही आपकी भावनाएँ पूरी कर सकती हैं।

12. "हम काले हैं तो क्या हुआ": सांवली त्वचा के लिए शाश्वत क्षमाप्रार्थी गीत। जी हां, क्योंकि किसी की त्वचा का रंग जरूर चर्चा का विषय होना चाहिए। काश यह गाना अमेरिका वाले दिल से अपना लेते। कम से कम वहाँ रंग के नाम पर अत्याचार तो न होते।

13. "आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा": किसी को अपनी कार में आमंत्रित करने के बारे में सदाबहार प्रेम गीत। इसमें कुछ भी संदेहास्पद नहीं है कि आगे क्या होगा।

14. "धक धक करने लगा": हृदय रोग विशेषज्ञों का पसंदीदा गाना। अब वे लब-डब की जगह धक-धक को सही ध्वनि मानने लगे हैं।

15. "ढिन्का चिका ढिंका चिका": जब आप अपने अंदर ढिंचैक पूजा को बुलाने की कोशिश कर रहे हों तो उसके लिए एकदम सही राग।

16. "तुम तो धोखेबाज़ हो": जब ईमानदारी को ज़्यादा महत्व दिया जाता है, तो किसी पर धोखेबाज़ होने का आरोप लगाने के लिए सिर्फ एक गाना क्यों नहीं गाया जाता?

17. "मैं तो रास्ते से जा रहा था": सड़क पार करने के शिष्टाचार के बारे में गाना हमेशा एक अच्छा विचार है।

18. "मेरे सूट पटियाला शाही": हां, क्योंकि आपके सूट की शैली प्यार के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड है। भले आप भीतर से कैसे भी हों।

19. "दर्द ए डिस्को": क्योंकि दर्द और डिस्को स्वर्ग में बनी जोड़ी है। दर्द होने पर सामने वाला का डिस्को अपने आप निकल आता है।

20. "लड़की आंख मारे": जब आप प्यार की तलाश में आंखों की चोटों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं तो यह गीत एकदम फिट बैठता है। वैसे भी जहाँ न काम आए गोली वहाँ काम करे आँखों की बोली।

21. "बीड़ी जलइले": धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, इस चेतावनी को समझाने के लिए सरकारें अरबों रुपया खर्च कर लें, लेकिन एक ऐसा गाना उनकी बैंड बजाने के लिए काफ़ी है।

22. "तू मेरा हीरो नंबर 1": एक रिश्ते में एक स्वस्थ अहंकार हमेशा एक अच्छी बात है।

23. "कबूतर जा जा जा": जब भावनात्मक गहराई के मामले में कबूतर इंसानों से आगे निकल जाते हैं। वैसे विलुप्त होते पक्षियों के जमाने में कबूतर ही एक ऐसा पक्षी है जो सेलफोन टॉवरों की मार से बचे हुए हैं।

24. "दिलबर दिलबर": क्योंकि नाइट क्लब में अपने प्यार का इज़हार करना बिल्कुल सामान्य बात है। इसिलए ऐसे गीत वहीं निकल सकते हैं।

25. "कांटा लगा": सच है, खुद को कांटेदार झाड़ी पर सूली पर चढ़ाना प्रेम की चरम अभिव्यक्ति है।

26. "चुम्मा चुम्मा दे दे": यह सहमति है या फिर ऑफर?

27. "तुन तुनक तुन": जब किसी गाने में कोई बोल न हो, तो बस यादृच्छिक शोर करें और इसे हिट कहें।

28. "जलेबी बाई": क्योंकि मिठाई के नाम पर लड़की का नाम रखना पूरी तरह से स्वीकार्य है। क्योंकि लड़की तो कठपुतली है जो चाहा नाम रख दिया।

29. "लड़की ब्यूटीफुल कर गई चुल": अगर आपकी सुंदरता की परिभाषा किसी के दरवाजे बंद करने की क्षमता के इर्द-गिर्द घूमती है, तो निश्चित रूप से यह गीत एकदम फिट बैठता है।

30. "सेक्सी बलिये": यह तभी गाइए जब जब आप बदसूरत हों। क्योंकि यदि आप अपने से अधिक दूसरे को "सेक्सी" कहकर संबोधित कर रहे हो, तो इसका मतलब अपना काम निकालना है।

31. "डैडी मम्मी": क्योंकि वास्तविक नाम जानने की जरूरत किसे है? आइए, पारंपरिक अभिभावक उपाधियों पर ही टिके रहें।

32. "कद्दू कटेगा": किसी के सिर को कद्दू में बदलने के बारे में प्रसिद्ध गीत। क्योंकि जाहिर तौर पर यह एक सामान्य घटना है।

33. "पैसा, पैसा, पैसा": जब पैसा आपके सभी रोमांटिक प्रयासों का केंद्र बिंदु बन जाता है, तब ऐसे ही गीत निकलते हैं। वैसे भी बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया।

34. "बलम पिचकारी": त्यौहार पानी के झगड़े और संभवतः किसी के रेशमी कपड़ों को बर्बाद करने का सही समय है।

35. "हुक्का बार": जब तक आप निष्क्रिय धूम्रपान के खतरों को शामिल नहीं करते तब तक यह एक पार्टी नहीं है, है ना?

36. "कुड़िये नी तेरे भूरे रंग ने": जब किसी व्यक्ति की त्वचा का रंग प्रेम गीतों में एक परिभाषित विशेषता बन जाता है।

37. "हो जाएगी बल्ले बल्ले": क्योंकि ख़ुशी-ख़ुशी भविष्य की भविष्यवाणी करना सामाजिक रूप से स्वीकार्य है।

38. "कोका तेरा कुछ कुछ": बरतन के लिए कालजयी गीत।

39. "लैला मैं लैला": जब मौलिकता पीछे रह जाती है और आप सिर्फ क्लासिक्स से उधार लेते हैं।

40. "बेबी डॉल": जाहिर तौर पर शिशु रोमांस के प्रतीक होते हैं।

41. "भीगे होंठ तेरे": क्योंकि लगातार अपने होठों को पोंछने से बेहतर कोई रोमांस नहीं है।

42. "मुन्नी बदनाम हुई": जब आप किसी की बदनामी को गाने में अमर करना चाहते हैं, तब ऐसे गीत मानक बन जाते हैं।

43. "बिजली की तार": प्यार की तुलना बिजली के तार से करना हमेशा एक अच्छा विचार है। इसके बाद प्रेमी के बचने की उम्मीद कम ही रह जाती है।

44. "साइको सैयां": क्योंकि सामान्य उबाऊ है, तो प्रेम गीतों में मनोवैज्ञानिक अस्थिरता का स्पर्श क्यों नहीं जोड़ा जाता? ऐसा करने से साइको भी संतुष्ट हो जाते हैं।

45. "लुंगी डांस": अपने चरम पर सांस्कृतिक विनियोग।

46. "शीला की जवानी": क्योंकि एक महिला की पहचान स्वाभाविक रूप से उसकी नृत्य क्षमता से जुड़ी होती है।

47. "चिंता ता ता चिता चिता": जब आप अपने प्रेम जीवन को लेकर तनाव में हों तो उसके लिए अचूक मंत्र।

48. "ऊह ला ला": क्योंकि "ऊह ला ला" को कई बार दोहराने से किसी चीज़ को मांगने की कला सीखी जा सकती है। और यह अप्रामाणिक भी नहीं लगता।

49. "भाग डीके बोस": जब आपके गीत को एक आकर्षक हुक की आवश्यकता हो, तो बस यादृच्छिक अक्षरों को एक साथ पिरोएं और सर्वश्रेष्ठ की आशा करें। भले फिर आगे चलकर गाली ही क्यों न लगें।

50. "फेविकोल से": क्योंकि अपनी भक्ति व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका इसकी तुलना चिपचिपाहट पैदा करने वाले चिपकने वाले पदार्थ से करना है। जिस गति से प्यार टूट रहे हैं, वैसे में फेविकोल से जोड़ने का बहाना अच्छा है।

ये बॉलीवुड गाने उस अतार्किक और कभी-कभी अपमानजनक सामग्री के कुछ उदाहरण हैं जो उद्योग ने वर्षों से तैयार किए हैं। हालाँकि उनका हमेशा कोई मतलब नहीं हो सकता है, फिर भी वे दर्शकों का मनोरंजन करते रहते हैं और लोकप्रिय संस्कृति में रचे-बसे रहते हैं।    

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, मो. नं. 73 8657 8657