नगर कीर्तन में राम मंदिर की झांकी की योजना, 21 जनवरी को निकलेगा नगर कीर्तन

आगरा। गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर आगरा में 21 जनवरी को नगर कीर्तन निकाला जाएगा। इस साल नगर कीर्तन में चार साहिबजादों की इलेक्ट्रिक झांकियां होंगी। इसके अलावा 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले निकल रहे नगर कीर्तन में राम मंदिर की भी झांकी शामिल करने की योजना है। नगर कीर्तन केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान के तत्वाधान में गुरुद्वारा माईथान से गुरुद्वारा बालूगंज तक निकाला जाएगा। 

नगर कीर्तन में जहां एक ओर आगरा के समस्त गुरुद्वारों के अतिरिक्त आगरा के आस पास के जिलों की सिक्ख जत्थे बंदियों भी शामिल होंगे। सबसे बड़ा जत्था सेवक जत्था गुरुद्वारा गुरु का ताल का होगा। नगर कीर्तन में जहां संत सिपाही रंजीत अखाड़ा के नौजवान पुरातन युद्ध कला का प्रदर्शन करेंगे। वही स्वच्छता और पॉलिथीन मुक्त आगरा की झांकी नगर निगम से आएगी। साथ ही नगर कीर्तन के अंत में चढ़दी कला के सदस्य मार्ग को सफाई करते हुए चलेंगे। 

गुरु पंथ के दास के बच्चे जिसमे अधिकाश बच्चियां होंगी। पालकी के आगे सफाई करते चलेंगे। नानक पाडा गुरुद्वारा से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी एवं पंज प्यारे आएंगे। डीवी संतोख सिंह खालसा, श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल माई थान स्कूल के बच्चे एवं बच्चियों शामिल होगी। मीडिया समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि नगर कीर्तन में पुरुष केसरिया पगड़ी एवं महिलाएं पीली चुनरिया पहन कर आएगी। परमात्मा सिंह अरोरा व्यवस्था प्रमुख के रूप में नगर कीर्तन की व्यवस्था देखेंगे।

 कंट्रोलिंग वात्सलय उपाध्याय एवं राणा रंजीत सिंह के साथी संभालेंगे। नगर कीर्तन में इस साल श्री गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी आगे लगेगी। साथ ही भाई मती दास,भाई सती दास और भाई दयाला की शहादत की झांकी पहली बार शामिल होगी। बाबा राजेंद्र सिंह इंदोरिया,प्रधान कंवल दीप सिंह एवं ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने आगरा वासियों को नगर कीर्तन में शामिल होने की अपील की।

नगर कीर्तन में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में राम मंदिर की झांकी शामिल करने की योजना है। सिख समाज की बैठक में इस पर चर्चा हुई। बंटी ग्रोवर ने बताया कि सिख धर्म की स्थापना हिंदुओं की रक्षा के लिए हुई थी। यह हमारे लिए भी गर्व का पल है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। प्रेसवार्ता में बाबा राजेंद्र सिंह,प्रधान कंवल दीप सिंह,मुख्य ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह,वीर महिंदर पाल सिंह,पाली सेठी,रघुबीर सिंह आदि शामिल रहे।