समर्पण का उपहार।

उच्च विचार मंच पर,

रख कर नवीन जोश।

यही है ज़िन्दगी का,

सबसे बड़ा उद्घोष।


प्रथम प्रयास है,

मिला एक सुखद आभार।

समर्पण से ही मिलता है,

ऐसा अद्भुत प्यार।


जमीनी हकीकत है,

खुशियां बिखेर देती है।

सफ़र पर निकले हैं तो,

उम्मीद और सपने,

आसानी से समीप आकर,

सबकुछ दे देती है।


यह नया इतिहास रच कर,

उम्मीदों की तासीर बदल देता है।

उन्मुक्त भाव से विचरण करने वाले,

लोगों में उम्मीद,

भरपूर भर देता है।


उमंग और उत्साह से,

हमेशा किया गया उधम,

एक बड़ी लकीर खींच देता है।

शिखर पर पहुंचते ही,

नम्रता और सुचिता के गुणों से,

हंसमुख बना देता है।


डॉ० अशोक, पटना, बिहार।