सर्किल दर के विरोध में व्यापारियों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

सहारनपुर । सहारनपुर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल की महानगर इकाई से व्यापारियों ने आज महानगर अध्यक्ष विवेक मनोचा व महानगर अध्यक्ष स.सुरेन्द्र मोहन सिंह चावला के नेतृत्व जिलाधिकारी से उनके कार्यालय में मिला तथा प्रस्तावित दर के विरोध में आपत्ति दर्ज कराते हुए ज्ञापन प्रेषित किया। 

ज्ञापन में विवेक मनोचा व स.सुरेन्द्र मोहन सिंह चावला ने अवगत कराया कि जो प्रस्तावित सर्किल दर तैयार की गयी है, उस प्रस्तावित सर्किल दर में यथार्थ और भौगोलिक दरों का कोई भी वास्तविक आंकलन नहीं किया गया है। 

प्रस्तावित सर्किल दर पूर्णतया जल्दबाजी और हड़बड़ी में तैयार की गयी है, जिसमे भौगोलिक दरों का कोई भी ख्याल नहीं रखा गया है। आपके द्वारा जितने प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य दिया गया है, वर्तमान प्रचलित सर्किल दर सूची की प्रत्येक कॉलोनी, नगरीय क्षेत्र, अर्द्ध नगरीय क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र में उतने ही प्रतिशत वृद्धि करके महज खानापूर्ती कर दी गयी है। 

ज्ञापन में अवगत कराया गया है सहारनपुर में वर्तमान में भी भूमि की खरीद बिक्री की वास्तविक वर्तमान प्रचलित सर्किल दर से लगभग 30ः कम पर चल रही हैं अगर प्रस्तावित सर्किल को स्वीकार कर लिया गया तो इससे रियल एस्टेट व्यापार पूरी तरह समाप्त हो जायेगा तथा गरीब व्यक्तियों का अपनी छत का सपना कभी भी पूरा नहीं हो पायेगा वर्तमान प्रचलित सर्किल दर के कठोर प्रावधानों के कारण ही रियल एस्टेट कारोबारी पहले ही सहारनपुर को छोड़कर दूसरे प्रदेशों की तरफ रुख कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त आयकर कानूनों के कठोर प्रावधान भी व्यापारियों को हतोत्साहित कर रहे हैं।

श्री मनोचा व श्री चावला ने बताया कि सारे शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सड़कों नालियों आदि पर खुदाई का कार्य चल रहा है और जिसका समापन 02 साल में भी संभव नहीं लग पा रहा है, इस करण व्यापारी सहारनपुर में निवेश करने से कतरा रहा है। 

वहीं सहारनपुर में अधिक ऊंची सर्किल दर के कारण सहारनपुर का व्यापारी वर्ग निकटवर्ती राज्यों यथा हरियाणा पंजाब उत्तराखंड आदि में माईग्रेट कर चूका है। अगर सर्किल दर में और वृद्धि की गयी तो बचा खुचा व्यापारी वर्ग भी सहारनपुर से माईग्रेट कर जायेगा, सहारनपुर में अत्याधिक ऊंची सर्किल दर के कारण ही बाहरी कम्पनियों का निवेश लगभग शून्य है। अगर प्रस्तावित सर्किल दर को स्वीकार कर लिया गया तो निवेश ना आने के कारण सहारनपुर विकास दर में पिछड़ता चला जाएगा। 

सहारनपुर कहने को तो स्मार्ट सिटी है, किन्तु ना तो मेडिकल सुविधा है, ना अंतर्राज्जीय बस अडडा, ना ही वेडिंग जोन, अतिक्रमण के कारण पूरा शहर अस्त-व्यस्त है। ऐसा भी कोई कारण नहीं है कि इस नगर में कोई विशेष सुविधा हो। कई वर्षों से इण्डस्ट्रीज नहीं लग पा रही है। 

साथ ही लगता हुआ जिला यमुना नगर आज सहारनपुर के मुकाबले इण्डस्ट्रीज के क्षेत्र में व्यापार के क्षेत्र में शिक्षा में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहारनपुर से बहुत आगे निकल चुका है। क्या कारण है कि हर वर्ष यहां सर्किल रेट बढ़ाया जाता है, जबकि यहां पर सर्किल रेट को बढ़ाने की अपेक्षा कम करने की आवश्यकता है। 

जिससे कि बाहर के निवेशक सहारनपुर आ सके और यहां पर बड़े शहरों की तरह टाऊनशिप विकसित हो सके। व्यापारियों ने एक स्वर में सर्किल रेट की दर बढ़ाने की जगह वास्तविक आंकलन कर इसको घटाने की मांग की। ज्ञापन में महानगर अध्यक्ष विवेक मनोचा, महानगर महामंत्री स.सुरेन्द्र मोहन सिंह चावला, गुलशन अनेजा, राजीव मदान, संजय भसीन, मुकेश दत्ता, सुदर्शन जुनेजा, पुलकित सूद, पवन गोयल, अरविन्द शाह, नीरज जैन, कुबेर नरूला, अमित भसीन, हरप्रीत सिंह, विजय कालरा, हरजिन्द्र सिंह, सुधीर मिगलानी, संजय अग्रवाल, जितेन्द्र नागर, फरजान, मुरली खन्ना, बबलू आदि शामिल रहे।