महिलाएं सामाजिक अत्याचार के प्रति जागरूक हो: डॉ. नैना मिगलानी

सहारनपुर। मंगलवार को मुन्नालाल डिग्री कालेज मे सहारनपुर आब्स एवं गायनी एसोसिएशन द्वारा छात्राओं को गोष्ठी एवं रैली द्वारा जागरूक किया गया। आब्स एवं गायनी की अध्यक्ष डाक्टर नैना मिगलानी ने बताया कि समाज मे जो महिलाओ पर शारिरिक, मानसिक एंव सामाजिक अत्याचार होते है। उनसे मुकाबला करने के लिए स्त्रियों को खुद जागरूक होना होगा। 

21वी सदी में भारत में प्रगति के साथ महिलाओं के विरूद्ध हिसां भी होती है। यह अलग-अलग तरह की होती है। महिलाएं इस हिंसा का शिकार किसी की जगह जैसे घर, सार्वजनिक स्थल या दफतर में हो सकती है। डा नैना मिगलानी ने बताया कि समाज के पुरूष प्रधान होने की वजह से महिलाओं को बहुत अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है। 

आमतौर पर महिलाओं को जिन समस्याओं से लड़ना पड़ता है। उनमें प्रमुख हैं दहेज, हत्या, यौन उत्पीडन, मार मीट, महिलाओं से लूटपाट, नाबालिग लडकियों से छेड़छाड़ इत्यादि। शारीरिक क्षति के साथ साथ मानसिक परेशानी देना भी हिंसा का ही रूप है। लडकियों से छेड़छाड़ पत्नी को भ्रुण हत्या के लिए मजबूर करना एवं सती प्रथा के लिए दबाव डालना भी सामाजिक हिंसा में आता है।

सहारनपुर आब्स एवं गायनी की सामाजिक सचिव डा ममता चावला ने बताया कि 15 साल के ऊपर लगभग हर तीसरी लड़की हिंसा का शिकार होती है। सहारनपुर आब्स एवं गायनी की सचिव डॉ. गुनीता मेहता ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व में 30% लड़किया हिंसा की शिकार होती हैं। इसलिए महिलाओं की जरूरत है कि वे दूसरों पर निर्भर ना रहकर अपनी जिम्मेदारी ले और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें। 

मुन्ना लाल डिग्री कालेज की प्रिसिंपल श्रीमति पंकज छाबड़ा ने बताया कि शिक्षा का स्तर बढने के बावजूद भारतीय समाज के लिए ये समस्या जटिल एवं गंभीर बढ गयी है। महिलाओं के विरूद होती हिसां के पीछे मुख्य कारण है पुरुष प्रधान सोच, कमजोर कानून, राजनीतिक ढांचे में पुरुषों का हावी होना।

 मुन्ना लाल डिग्री कालेज की अध्यापिकायें अनुपमा गुप्ता, प्रोफेसर अनुपम बंसल, प्रोफेसर जया, प्रोफेसर सीमा आदि उपस्थित रहें। डॉ.गुंजन त्रिपाठी, डॉ. रीता वोहरा एवं डॉ. आराधना भी उपस्थित रहे। छात्राओं में सृष्टि, कामनी, अलीना, आश्ना, चाँदनी सैनी, शिवानी गर्ग, रिंकू, राखी, यास्मीन, अंजु, सरिता आदि उपस्थित रहे। सबने मिलकर एक रैली भी निकाली।