इश्क की तारीफ।

यह नफासत में,

किया गया एक अन्दाज है।

इसकी खूबसूरती से,

जहां रहतीं शान शौकत से भरपूर,

आतीं नहीं कहीं से,

दिल की आवाज है।

इश्क एक जुनून है,

बार बार नहीं की जाती है।

एक कपड़े की तरह,

जिस्म में चढ़ाकर,

उतारने की तारीफ नहीं की जाती है।

यह दुनिया की सबसे बड़ी ख्वाहिश है,

जब मौका मिलता है,

तो लोग करते आजमाइश है।

हां यह सच है कि,

इश्क एक जुनून है।

सबमें मधुर संगीत जैसी,

दिखता सुन्दर रंग है,

मुश्किल वक्त में भी,

लगता है मिल गया सुकून है।

इसके रंग बड़े निराले हैं,

सबके बीच दिखते हैं,

लगते भोले-भाले हैं।

इश्क करकर अपने हम-दम को,

हम नहीं छोड़ सकते हैं।

कफ़न की तरह पहनकर,

नहीं उतार सकते हैं।

इसकी खूबसूरती से हमें,

रूबरू होते रहना होगा।

वक्त पर हमें सम्हलकर रहने के लिए,

इश्क से इबादत करते हुए,

सुकून से रहना होगा।

डॉ० अशोक,पटना, बिहार।