कभी ऐसा ना करना,
कि मैं रूठ जाऊँ तों मुझे अकेला मत छोड़ना
मैं कभी रों दुँ, तों मुझे चुप कराना।
बिना बात के, मुझसे रुठ ना जाना।
कुछ गलती हों जाए, तों प्यार सें समझाना।
कभी शक हों जाए , तों मुझसे एक बार बात करना।
इस प्यार के बधंन को, कभी भूल मत जाना।
अपने घर को बचाना, बड़े प्यार सें सजाया हैं कभी इस बर्बाद ना होनें देना।
मेरी जान मुझे बस अपनें संग ही रखना, किसी और के भरोसे छोड़ ना देना।
मुझे हमेशा अपनी इज्जत समझना, बाजारों में निलाम ना करना।।
मुस्कान केशरी
मुजफ्फरपुर बिहार
एम एस केशरी पब्लिकेशन की संस्थापिका