हास-परिहास : सप्ताह की प्रमुख ख़बरों पर व्यंग्यकार की चुटकी

बेंगलुरु और आसपास के 68 निजी स्कूलों को धमकी भरा ई-मेल- "इस्लाम क़बूल करो वर्ना बम से उड़ा देंगे।" सुरक्षा कारणों से स्कूल बंद कर दिए गए। 


शालाओं में पढ़  रहे, अलगू-जुम्मन  साथ।

हम सबका है फ़र्ज़ यह, कोई हो न अनाथ॥


विधानसभा चुनाव में मप्र, राजस्थान और छग में बीजेपी की स्पष्ट बहुमत वाली सरकार बनने पर राशिद अल्वी, अधीर रंजन चौधरी, दिग्विजयसिंह और संजय राऊत ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते हुए मतपत्र से चुनाव करवाने की माँग की। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने पर सब चुप रहे।


आँगन टेढ़ा मत कहो, सीखो पहले नृत्य।

वोटर पहले देखता, आज तुम्हारे  कृत्य॥     


झारखंड के श्रम, नियोजन एवं कौशल विकासमंत्री व आरजेडी नेता सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेशकुमार की चतरा के व्यवहार न्यायालय में भृत्य के पद पर नियुक्ति हुई। मुकेश के अनुसार राजनीति में रुचि नहीं होने के कारण उन्होंने सरकारी नौकरी करना पसंद किया। 


मंत्री का बेटा बना, अगर कहीं पर भृत्य।  

पूज रहे 'परिवार' जो, वे देखें यह कृत्य॥


डीएमके सांसद सेंथिलकुमार ने लोकसभा में कहा कि बीजेपी केवल हिंदीभाषी राज्यों में चुनाव जीत सकती है जिन्हें हम गोमूत्र राज्य कहते हैं। बाद में सीएम स्टालिन द्वारा फटकारे जाने पर सदन में माफ़ी माँगना पड़ी।


यूँ तो है डीएमके, गठबंधन  का  भाग।     

ऐसे बिगड़े बोल से, तय है लगना आग॥


तेलंगाना के नवनिर्वाचित सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि उनका डीएनए तेलंगाना का है, जबकि पूर्व सीएम केसीआर का डीएनए बिहार का। उनके अनुसार तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर है। बयान पर बीजेपी हमलावर हुई और रेड्डी से माफ़ी की माँग की। 


पद पाते ही चढ़ गया, अहंकार  का  भूत।    

कल वाला सीएम अब, लगता उन्हें अछूत॥ 


 ओम वर्मा        

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