भारत के नारी

वाह रे!! मोर भारत के नारी,

सिखाये सब ला समझदारी ।

अलवा-जलवा पहिरना ओढ़ना,

तहीं आच दुखिया के महतारी ।।

वाह रे!! मोर भारत......


जोर देवाये अपन हक लड़े बर,

पूछत आयें सब तोरेच दुवारी ।

बइरी दुश्मन के जीव डरावय,

आही सबके एक दिन पारी ।।

वाह रे!! मोर भारत......


महिनत करय अउ जाँगर पेरय,

सुत उठ कमावय खेती बारी ।

घर के सगरो बोझा उठावय,

रंग रूप हवय भले कारी ।।

वाह रे!! मोर भारत.......


पति के सेवा देवता मानय,

हवय उलहा फुलवा के डारी ।

दुःख पीरा ल सहय अब्बड़,

अइसन हवय तोर महिमा भारी ।।

वाह रे!! मोर भारत.......


रण म उतरे वीरांगना बनके,

जानय तोला ये दुनिया सारी ।

पापी मन के नाश करे तँय,

बनके झाँसी, दुर्गावती अवतारी ।।

वाह रे!! मोर भारत के नारी... 


मुकेश उइके "मयारू"

ग्राम- चेपा, पाली, कोरबा(छ.ग.)

मो.नं.- 8966095681