प्रज्ञान।

ऊंची छलांग लगाने के लिए,

प्रज्ञान जरूरी है।

सात्विक विचार है,

इस कारण इसकी वजह जानना,

आज़ हम सब की,

एक मजबूरी है।

यह बुद्धिमत्ता से सदैव अवगत,

हम-सब को कराती है।

शिखर पर पहुंचाने में,

मददगार बनकर आगे बढ़ने में,

एक योग्य मित्र की भांति,

सबसे पहले खड़ा होकर,

इतिहास लिखने सहयोग कर,

मित्रता की जिम्मेदारी निभाती है।

समझदारी व अनुभव,

इसी का उपनाम है।

सौन्दर्य को हमेशा यहां,

सब करते प्रणाम हैं।

यह विशेष ज्ञान का प्रतीक है,

खूबसूरत विशालकाय और संदीप है।

यह अज्ञानता पर प्रहार है,

सुचिता और सुकून देने वाली ताकत बनकर,

सबका करता उद्धार है।

डॉ० अशोक,पटना, बिहार।