तालिबान की अपमानजनक शैक्षणिक नीतियां लड़कों को भी पहुंचा रही नुकसान

इस्लामाबाद : अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच की बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान की ‘‘अपमानजनक शैक्षणिक नीतियां अफगानिस्तान में लड़कियों के साथ ही लड़कों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। 

तालिबान की लड़कियों और महिलाओं के माध्यमिक स्कूल और विश्वविद्यालय जाने से रोक लगाने की दुनियाभर में निंदा की जाती है लेकिन मानवाधिकार समूह ने कहा कि लड़कों की शिक्षा पर पड़े गहरे असर पर काफी कम ध्यान दिया गया है। महिलाओं सहित योग्य शिक्षकों को हटाए जाने, पाठ्यक्रम में प्रतिगामी बदलाव और शारीरिक दंड बढ़ने से छात्रों में स्कूल जाने को लेकर डर पैदा हुआ और उनकी उपस्थिति कम हो गयी। तालिबान ने लड़कों के स्कूलों से सभी महिला शिक्षिकों को बर्खास्त कर दिया। 

जिससे लड़कों को अयोग्य लोगों द्वारा पढ़ाया जाता है या उनकी कक्षाओं में कोई शिक्षक ही नहीं होता है। लड़कों और अभिभावकों ने मानवाधिकार समूह को शारीरिक दंड में वृद्धि के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अधिकारी बाल काटने या कपड़ों को लेकर या मोबाइल फोन को लेकर स्कूल में मौजूद सभी लोगों के सामने लड़कों की पिटायी करते हैं। तालिबान ने कला, खेल, अंग्रेजी और नागरिक शिक्षा जैसे विषय हटा दिए हैं। रिपोर्ट लिखने वाली सहर फितरत ने कहा, ‘‘तालिबान लड़कियों के साथ-साथ लड़कों के लिए अफगान शिक्षा प्रणाली को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहे हैं। 

देश में पूरी स्कूल प्रणाली को नुकसान पहुंचाकर, वे एक पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित करने का जोखिम पैदा कर रहे हैं। तालिबान सरकार के प्रवक्ता की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी उपलब्ध नहीं हो पायी है। तालिबान मदरसों या धार्मिक स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही बुनियादी साक्षरता पर इस्लामिक ज्ञान को तरजीह दे रहा है। तालिबान ने 2021 में सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद महिलाओं को सार्वजनिक जीवन के ज्यादातर क्षेत्रों और काम तथा लड़कियों के छठी कक्षा से आगे पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।