भाई दूज

भाई दूज का पावन पर्व मनाऊँ मैं,

प्रातः करूँ पूजा, फिर भैया को टीका लगाऊँ मैं।


चाँद सा चमके भैया मेरा,तेजोमय हो सूरज सा,

कामना लिये ईश समक्ष,पूजा की थाल सजाऊँ मैं।


कथा पौराणिक सुनकर,मंगल गीत गाऊँ मैं,

भाई की हो लम्बी उम्र,भाभी का अमर सुहाग मनाऊँ मैं।


ऐपन रोली लगाकर,रूई की माला बनाऊं मैं,

करूँ कामना विपदा हरण का,भाई के हस्त माला पहनाऊँ मैं।


बनाऊँ पकवान कई,भाई का मीठा मुँह करवाऊँ मैं।

हमारे रिश्ते में आये ना कड़वाहट कभी यह वरदान पाऊँ मैं।


डॉ. रीमा सिन्हा (लखनऊ)