माता का पैसा नहीं हड़पना चाहिए

जो लोग अपनी विधवा मां का पैसा निकाल कर अपने अकाउंट में डाल लेते हैं और अपनी मां को तड़पने के लिए छोड़ देते हैं उनको भगवान बहुत गंदा श्राप देता है। चाहे वह कितना भी झूठ बोले पर भगवान सब जानता है। मोहल्ला क्या नहीं जानता नहीं है । सब कुछ जानता है/मोहल्ला गवाह इस चीज का  दे रहा है की किस प्रकार माता को तड़पा तड़पा कर भूखे प्यासे मार दिया गया।

यह परिवार बस एक काम करता है कोई भी फोन करें उनका फोन रिकॉर्ड करता है। पहले तो विधवा मां को मारपीट कर बेटे के खिलाफ भड़का कर फोन करवाते हैं और गंदा बोलने के लिए बोलते हैं बेचारी मां जिसके बाल इन अत्याचारी के हाथ में थे वह तड़प तड़प कर इनकी भाषा बोलती रही। बातें रिकॉर्ड करते रहें।

बात ख़त्म होने के बाद बेचारी माँ बहुत रोई । क्योंकि उनसे गंदा सदा कहलवाया गया था पापियों को ईश्वर ऐसी गंदी सज़ा देंगे जिसको देखकर पूरा मोहल्ला हैरान हो जाएगा सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है। पुराने समय के गाने की यह दो लाइन दिल को छू गई। 

मनुष्य जानता है की बेवजह झूठ बोलना पाप है ,फिर भी प्रत्येक समय कुछ ना कुछ झूठ बेवजह बोलना ही रहता है। ऐसा कलयुग आया है, मनुष्य की मति ऐसी भ्रष्ट हुई है की मृत्यु के करीब पहुंचे व्यक्ति भी केवल मात्र बदला लेने की ही सोचते हैं। जानते हैं अब हमारे पास ज्यादा समय नहीं बचा है बहुत ज्यादा हम कुछ महीने के ही मेहमान बचे हैं पर फिर भी अपने आप को सही और दूसरे को गलत साबित करने के लिए झूठ का पुलिंदा बना देते हैं।

ऐसे ही घटना घटी एक बुजुर्ग दिव्यांग व्यक्ति के साथ घटी। कौन जाने कैसे मति भ्रष्ट हुई कि जहां उन्हें सबसे ज्यादा आराम मिलना चाहिए था, जहां वह अपनी जिंदगी को सुखमय बना सकते थे। जिस घर में उनको सबसे ज्यादा सम्मान मिलता था उन्हें बदनाम कर दिया। भगवान जाने क्या मिला ऐसा करके। कौन सी शांति और कौन सा सुख मिला।

और ऐसा बेटा -बहू जो अपने माता-पिता को मारता पिटता और गाली देता है। माता-पिता उनके डर से । बदतमीज बहू की मार के डर से अपने ही बड़े बेटे को गलत सलत बोलते हैं। माता-पिता को मजबूरीवश दुनिया के सामने उसी निकम्मी औलाद का साथ दिखाना पड़ा।

इस उम्र में सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए था क्योंकि सच्चा सुख सच्चाई के पथ पर ही है। कोई जाने ना जाने पर भगवान तो सब कुछ जानता है। इसलिए तो कहा गया है कि अपने सारे सवाल और संदेहों से उठो, सत्य में पूर्ण विश्वास लाओ, प्रेम में लबालब हो, श्रद्धा के दीप जला, भक्ति के गीत गाते; भगवान के राज्य में प्रवेश करो और अपना मनुष्य देह में आना सफल करो।

पर पापी मनुष्य समझता ही नहीं ऐसा लगता है मनुष्य ने ठान ही ली है कि जब तक आखिरी सांस बाकी है -झूठ का ही सहारा लेंगे। पर समझने की जरूरत है जब सत्य में आ गए का मतलब ये नहीं, कि मैं अपना बाहर होश खो दूँ। अंदर की बेहोशी रहे, बाहर होश बना रहे, ताकि  अपने कर्म भी अच्छी तरह कर सके। सत्य में आकर अपना जीवन संभाल लो।

जो सत्य को समझ गया मतलब सत् समझ में आ गया यानी ईश्वर से मिलन हो गया। एक ना एक जन्म में सत्य को समझना ही होगा, नहीं तो इसी मायालोक यानी मृत्युलोक में आते रहोगे। कुछ बुजुर्ग व्यक्ति पता नहीं क्यों इतना गुस्सा अपने हृदय में पाले रहते हैं और नफरत के बीज बोए रहते हैं।

कई बार ऐसी मजबूरी भी हो जाती है। एक विधवा मां को जबरदस्ती अपने कब्जे में कैद किया गया। नशे की गोलियां देकर उनसे वसीयत अपने नाम करवा ली गई। इतना ही नहीं माता को इतनी नशीली दवा खिलाई गई कि उनके सारी एफ-डी और सारा पैसा बैंक से निकाल कर अपने अकाउंट में डाल दिया गया। विधवा मां परेशान हो गई क्योंकि उसकी दवा के लिए पैसे बचे ही नहीं।

बेचारी विधवा मां तड़प तड़प कर चिल्लाती रही कि मुझे कटोरा लेकर भीख मांगने लायक बना दिया गया है मेरे पास बिल्कुल पैसा नहीं बचा है। मेरा सारा पैसा हड़प लिया गया है। विधवा मां की पुकार सुनने वाला कोई नहीं था। उनके जो पेंशन थे उसे पर सारा घर खाना खा रहा था। 

कोई क्या  भी नहीं रहा था ! पूरा का पूरा घर केवल मात्र विधवा मां को प्रताड़ित कर रहा था और वह बेचारी एक-एक रोटी के लिए तरस गई! मई के महीने में जब विधवा मां के सारे पैसे निकाल लिए गए। तब माता बहुत परेशान रहने लगी। जैसे तैसे उसने अपने पति की बरसी की और फिर तड़प तड़प कर तीन महीने में ही अपने प्राण त्याग दिए।

माता की हत्या का नतीजा बहुत बुरा होगा। उन्हें जानबूझकर इंसुलिन कि गलत डोज लगना शुरू कर दिया। बेचारी आखिर कब तक झेलती। सुना गया है कि विधवा मां को ऐसा जहर खिला दिया गया था कि उनका पेट दर्द शुरू हो गया पर उन्हें कहीं' किसी भी डॉक्टर के पास दिखाया नहीं गया। जब वह मेरी तब उनका पूरा शरीर नीला पड़ा हुआ था। ऐसे पापी लोग जिन्होंने सारा पैसा और मकान तो विधवा मां का छीन लिया पर उसे रोटी के लिए मोहताज कर दिया। उसको तड़पा  तड़पा कर मार डाला।

पैसा क्या मानव जीवन से बड़ा है। इतना बड़ा पाप। यह लोग इतने गंदे हैं कि इन्होंने अपनी विधवा मां की बात बड़े बेटे से होने ही नहीं थी। फिर मन को बहुत परेशान किया उनके बाल नोचे और उनसे कहा कि अपने बड़े बेटे को झूठ झूठ गंदा गंदा बोलो। एक तरफ मां के हाथ में मोबाइल पकड़ता है और हाथ में डंडा रख करके उनके बाल बांध देता है और बातें रिकॉर्ड करता है।

 वह बेचारी मार के डर से इन दुष्टों के अनुसार बोलती रही। बेटा भी जानता था की वह लोग मेरी मां को परेशान कर रहे हैं और मेरी बात रिकॉर्ड कर रहे हैं फिर भी मन की आवाज सुनने के लिए वह मां से बात करता रहा। बेचारी बार-बार पैसे के लालची बच्चों से बोलती रही कि बस हो गया अब नहीं बोलूंगी। पर वह लोग विधवा मां के बाल नाचते और कहते बोल नहीं तो और मारेंगे। और रिकॉर्ड करते रहे। फोन की बात रिकॉर्ड करने की जरूर तब पड़ती है जब दिल में लालच हो। 

जिसके मन में पाप हो। भगवान से बड़ा कोई नहीं है। विधवा मां तो अपने दुःख से मुक्ति पा गई और भगवान के घर चली गई। पर अब उन पापी लोगों को नहीं छोड़ेगी जिन्होंने उसे बहुत परेशान किया। किये हुए कर्मों की सजा इसी जन्म भुगतनी हीं होगी। अब विधवा मां किसी भी हालत में उन पापी लोगों को नहीं छोड़ेगी जिन्होंने उसका सारा पैसा छीन लिया था और उसका मकान की वसीयत अपने नाम करवा ली थी है जिस कारण माता की जान गई वह हत्यारे हैं। माता के हत्यारे हैं। ईश्वर पापी लोगों को पाप करने से डरने की वजह दे।

लेखिका -ऊषा शुक्ला

11 एवेन्यू

गौर सिटी 2

ग्रेटर नोएडा वेस्ट