पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने विराट कोहली को 'स्वार्थी' और 'निजी उपलब्धियों का जुनूनी' बताया

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने उन लोगों की आलोचना की है जिन्होंने विराट कोहली को 'स्वार्थी' और 'निजी उपलब्धियों का जुनूनी' क्रिकेटर करार दिया है। प्रसाद ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कोहली की तारीफ करते हुए कहा कि वह सही तरीके से 'स्वार्थी' हैं। रविवार को कोहली ने सचिन तेंदुलकर के 49 वनडे शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी की। 

उन्होंने अपने 35 वें जन्मदिन पर 121 गेंदों पर 101* रन बनाए, जिससे भारत ने कोलकाता के ईडन गार्डेन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट गंवाकर 326 का स्कोर बनाया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका को 27.1 ओवर में 83 रन पर समेट दिया।

कोहली ने अपनी शानदार पारी के लिए खूब वाहवाही बटोरी। हालांकि, कुछ लोगों ने उन पर स्वार्थी होने के आरोप लगाए और कहा कि विराट निजी फायदे के लिए खेल रहे हैं। आलोचकों का कहना था कि पारी के अंत में विराट शतक के लिए धीमे बल्लेबाजी कर रहे थे।

हालांकि, कोहली का समर्थन करते हुए, वेंकटेश प्रसाद ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'विराट कोहली के स्वार्थी होने और निजी उपलब्धियों को लेकर जुनूनी होने के बारे में कुछ मजेदार बयान सुन रहा हूं। हां, कोहली स्वार्थी हैं, एक अरब लोगों के सपने का ध्यान रखने और उन्हें पूरा करने के लिए वह स्वार्थी हैं। कोहली इतने स्वार्थी हैं कि इतना कुछ हासिल करने के बाद भी हर मैच में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं। युवाओं के लिए नए बेंचमार्क स्थापित करने के लिए वह स्वार्थी हैं। अपनी टीम की जीत सुनिश्चित करने के लिए भी वह स्वार्थी हैं। हां, कोहली स्वार्थी हैं।

कोहली ने रविवार को श्रेयस अय्यर के साथ तीसरे विकेट के लिए 134 रन जोड़। इन दोनों ने भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। श्रेयस ने 87 गेंद में 77 रन की पारी खेली। पूर्व भारतीय कप्तान ने विश्व कप 2023 में आठ पारियों में 108.60 की औसत और 88.29 के स्ट्राइक रेट से 543 रन के साथ दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।

विराट कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया। अवॉर्ड सेरेमनी में विराट ने सचिन के संदेश का जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'यह एक बड़ा मैच था। संभवतः टूर्नामेंट की सबसे कठिन टीम के साथ खेलना चुनौतीपूर्ण था। इस मैच से, इस पारी से अच्छा करने की प्रेरणा मिली। क्योंकि यह (शतक) मेरे जन्मदिन पर हुआ, इसलिए यह खास हो गया और लोगों ने इसे मेरे लिए और भी खास बना दिया।

धीमी पारी खेलने को लेकर कोहली ने कहा, 'लोग खेल को कुछ अलग तरीके से देखते हैं। जब सलामी बल्लेबाज अच्छी शुरुआत करते हैं, तो आपको लगता है कि यह आसान पिच है और हर किसी को इसी तरह खेलना होगा। लेकिन जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती गई, स्थितियां काफी धीमी हो गईं। मेरी ओर से बाकी बल्लेबाजों को साफ संदेश था, मेरे आसपास बल्लेबाजी करते रहो। उस नजरिये से मैं खुश था। एक बार जब हमने 315 से अधिक स्कोर कर लिया, तो हमें पता चल गया कि हम पार स्कोर से ऊपर हैं।

शतक को लेकर विराट ने कहा, 'मैं क्रिकेट खेलने का आनंद ले रहा हूं, यह मेरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं बस इस बात से खुश हूं कि भगवान ने मुझे वह आनंद दिया है। मैं बस इस बात से खुश हूं कि मैं वही कर पा रहा हूं जो मैंने वर्षों से किया है।

सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी करने पर कोहली ने कहा, 'अपने हीरो के रिकॉर्ड की बराबरी करना मेरे लिए बहुत खास है। जब बात बल्लेबाजी की आती है तो वह (सचिन) परफेक्ट हैं। यह मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं उनके जितना अच्छा कभी नहीं बन पाऊंगा। उनके बल्ले से परफेक्शन निकलता था। वे हमेशा मेरे हीरो रहेंगे। मैं जानता हूं कि मैं कहां से आया हूं। मैं उन दिनों को जानता हूं जब मैंने उन्हें (सचिन) टीवी पर देखा है। उनसे इस तरह की तारीफ पाना ही मेरे लिए बहुत मायने रखता है।