नयी दिल्ली : भारत के घरेलू वाहन उद्योग को वित्त वर्ष 2023-24 में बिक्री में मध्यम वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। हालांकि मानसून के असमान वितरण से जुड़ी चिंताओं के बीच ग्रामीण मांग अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह बात कही। इक्रा ने एक बयान में कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार तथा लोगों की आवाजाही बढ़ने के कारण वाहन उद्योग पिछले दो वर्षों में वापसी की राह पर है।
हालांकि विभिन्न मोटर वाहन खंडों में सुधार की गति कुछ हद तक मिश्रित रही है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यात्री वाहन खंड में सर्वकालिक उच्च बिक्री दर्ज की गई। इसके पीछे निजी वाहन को प्राथमिकता और स्थिर सेमीकंडक्टर आपूर्ति की अहम भूमिका रही थी।
चालू वित्त वर्ष में भी इस खंड में मांग मजबूत रहने की उम्मीदों के बीच सालाना आधार पर वृद्धि छह से नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसी तरह, वाणिज्यिक वाहन उद्योग की कुल बिक्री महामारी-पूर्व के उच्चतम स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। भले ही सालाना आधार पर वृद्धि वित्त वर्ष 2023-24 में मामूली स्तर दो से चार प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
इक्रा रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग) शमशेर दीवान ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में मोटर वाहन उद्योग क्षेत्रों में वृद्धि मध्यम स्तर पर रहेगी। अनुकूल मांग के कारण जहां यात्री वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहेगी, वहीं दोपहिया वाहन उद्योग को भी कम आधार की मदद से बिक्री में मध्यम वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। दीवान ने कहा, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण मांग पर असमान मानसून वर्षा का प्रभाव चिंता का विषय बना हुआ है। भले ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, फसल खरीद आदि पर सरकार के प्रयास सकारात्मक बने हुए हैं।