सरोवर बनें अमृत।

यह एक सुखद अहसासात को,

जगाने का एक तरीका है।

नवीन जोश और उत्साह से,

उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने का,

सबसे उन्नत सलीका है।


सरोवर बनें अमृत पान जैसे,

सबको यह सोचना होगा।

यह अमृत पान जैसी बनें,

हमें आज़ उत्तम उधम करना होगा।


गंदगियों से कुछ हासिल नहीं होता,

बस सामने एक दुर्गन्ध के उत्सव नज़र आती है।

अमृत पान में डुबकी लगाने से,

खुशबू बहुत पास आती है।


जनजन तक सुखद अहसास दिलाने,

हमें संभलकर रहना होगा आज़।

दुनिया जानती है कि यह काम मुश्किल है,

हमें बनने होगा जनजन की आवाज।


नजदीकी रिश्तों में दम है तो,

हमें अमृत पान के लिए अमृत सरोवर,

बनाकर आगे बढ़ना होगा।

खुशियां और सुकून देने वाली ताकत बनकर,

सबके मन में यह विचार,

मजबूती से पैदा करना होगा।


नाहक में हम कुछ गलतियां ना करें,

सम्हलकर  हमें आगे  बढ़ना  होगा।

अमृत पान में डुबकी लगाने से पहले,

सरोवर को अमृत सरोवर बनाना होगा।


इतिहास में अंकित किया गया है कि,

अमृत सरोवर में स्नान कर हम,

सुखद अहसास का आनंद ले सकते हैं।

प्रकृति और पर्यावरण में खुशहाली लाने में,

यह कोशिश कर जीवन में खुशहाली,

बढ़ा-चढ़ाकर हासिल कर सकते हैं।


डॉ० अशोक, पटना,बिहार।