भारत पिछले कई दशकों की तुलना में आज बेहतर स्थिति में है

भारत-कनाडा के रिश्तो में जारी तनाव के बीच समाधान की खिड़की खुली 

कौटिल्य इकोनामिक कॉन्क्लेव में भारतीय विदेश मंत्री का इशारा हकीकत में बदल - वीजा सेवा पर चार केटेगरी से रोक हटाना सराहनीय - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 

गोंदिया - भारत में हमारे बड़े बुजुर्गों की कहावतें, महापुरुषों के दोहेऔर पीढ़ियों से सुनते आ रहे कथनों कि, पृथ्वी पर ऐसा कोई व्यक्ति या देश नहीं जिसके पास समस्या नहीं और पृथ्वी पर ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान ना हो मंजिलें चाहे कितनी भी दूर ऊंची हो, कठिन हो, रास्ते हमेशा पैरों के नीचे से ही रहते हैं, सहित अनेको अनमोल कथन है। 

जो हम पीढ़ियों से सुनते आ रहे हैं यदि हम उन पर अमल करें तो समस्याएं हमारे आगे नहीं आएगी यह गुण हर भारतीय केकण कण में समाया है, यही कारण है कि भारत ने कनाडा के साथ मचीतल्खी को दूर करने के लिए चार कदम आगे बढ़े हैं, जो चार कैटेगरी की वीजा सेवा पर लगी रोक हटाई है, जो 26 अक्टूबर 2023 से ज़ारी हो गई है। इसकी अधिकृत सूचना 25 अक्टूबर 2023 को देर रात्रि दी गई है  आज इस कठिन दौर में जहां दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है यूक्रेन-रूस,हमासइजरायल युद्ध अपने चरम स्तर पर चल रहा है। हजारों निर्दोष लोगों की मौत हो चुकी है। अगर हम इस समस्या को भी थोड़ा तुम झुको थोड़ा हम झुके इस तर्ज पर अपना कर आगे बढ़े तो युद्ध को थामा जा  सकता है। 

मेरा मानना है कि इस वैश्विक युद्ध और माहौल की सटीकता से भारत अमेरिका मिलकर ठीक कर सकते हैं अगर भारत और अमेरिका मिलकर एक वैश्विक शांति सम्मेलन बुलाने की तर्ज पर एक रूपरेखा बनाते हैं तो अमेरिका रूस इसराइल चीन इत्यादि देश को बातचीत के लिए शामिल कर कोशिश की जा सकती है जैसे भारत ने अभी कनाडा के साथतल्खी मिटाने के लिए चार कैटेगरी की वीजा पर रोक हटाई है, इसका इशारा भी हमारे विदेश मंत्री ने कौटिल्य इकोनामिक कॉनकेव में रविवार 22 अक्टूबर को ही दे दिया था जो आज हकीकत में बदला इसी तर्ज पर युद्ध ग्रस्त देशों को भी आगे पीछे कर समस्या का समाधान निकल जा सकता है, इसलिए आज हम मीडिय मैं उपलब्ध जानकारी  के सहयोग से इस आर्टिकल का माध्यम से चर्चा करेंगे कौटिल्य इकोनामिक कान के में भारतीय विदेश मंत्री का इशारा हकीकत में बदला, वीजा सेवा पर चार केटेगरी से रोक हटाना साराहनियां। 

साथियों बात अगर हम दिनांक 26 अक्टूबर 2023 से कनाडा की चार कैटेगरी की वीजा पर रोक हटाने की करें तो, कनाडा के नागरिकों को भारत के लिए वीजा फिर से देना शुरू कर दिया गया है। फिलहाल कुछ खास कैटेगरी के तहत आवेदन करने वाले लोगों को ही भारत का वीजा दिया जाएगा। 

भारत ने कनाडा के साथ खालिस्तानी आतंकवाद पर राजनयिक संबंध खराब होने के बाद कनाडाई नागरिकों को अपने यहां का वीजा देना बंद कर दिया था, लेकिन बुधवार को कनाडा में भारतीय दूतावास ने वीजा सेवाएं फिर से शुरू करने की जानकारी सभी को दी. भारतीय दूतावास ने अपने नोटिफिकेशन में बताया कि फिलहाल एंट्री वीजा, बिजनेस वीजा, मेडिकल वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा कैटेगरी के तहत आवेदन करने वाले कनाडाई नागरिकों को ही वीजा दिया जाएगा। कनाडा की राजधानी ओटावा स्थित भारतीय दूतावास ने अपने नोटिफिकेशन में लिखा, कनाडा की तरफ से सुरक्षा को लेकर उठाए गए हालिया कदमों को ध्यान में रखकर स्थिति की समीक्षा के बाद वीजा सेवाओं को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

 कनाडाई नागरिक भारतीय वीजा के लिए गुरुवार 26 अक्टूबर से आवेदन करना शुरू कर पाएंगे। भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए नए वीजा जारी करना 21 सितंबर को बंद कर दिया था। यह कदम कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अपनी संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ होने के आरोप लगाने के बाद उठाया गया था. ट्रूडो ने दावा किया था कि उनके देश के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के पास इस बात पर यकीन करने के पुख्ता कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंटों ने निज्जर की हत्या की है।

कनाडा के इस दावे को भारत ने बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़े हुए हैं।भारत ने अक्टूबर की शुरुआत में कनाडा के 41 राजनयिकों को उनके देश वापस भेज दिया था. यह कदम भारत और कनाडा के बीच राजनयिकों की संख्या का संतुलन बनाने के नाम पर उठाया गया था। 

साथियों बात अगर हम रविवार दिनांक 22 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली में आयोजित कौटल्य इकोनामिक कांनक्लेव में भारतीय विदेश मंत्री के संबोधन की की करें तो विदेश मंत्री के अनुसार, फिलहाल कनाडा में कई तरीकों से राजनयिकों की सुरक्षा को चुनौती दी गई है। 

हमारे लोग सुरक्षित नहीं हैं, हमारे राजनयिक सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए अगर हम वहां प्रगति देखते हैं, तो वे चाहेंगे कि वीजा की सेवाएं फिर से शुरू करना बहुत पसंद है। मेरी आशा है कि यह कुछ ऐसा होगा जो बहुत जल्द होना चाहिए। उन्होंने भारत में कनाडा के राजनयिकों की मौजूदगी पर एक सवाल के जवाब में कहा कि एक देश में कितने राजनयिक हैं, दूसरे देश में कितने राजनयिक हैं, ऐसी तुलना का पूरा मुद्दा समता का है। 

विदेश मंत्री ने कहा, वियना कन्वेंशन में समता को लेकर बहुत अधिक प्रावधान किए गए हैं। इस पर प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय नियम हैं। लेकिन हमारे मामले में, हमने समानता का आह्वान किया क्योंकि हमें कनाडाई कर्मियों द्वारा हमारे मामलों में निरंतर हस्तक्षेप के बारे में चिंता थी। हमने उसमें से बहुत कुछ सार्वजनिक नहीं किया है। मेरा मानना है कि समय के साथ और भी चीजें सामने आएंगी और लोग समझेंगे। 

हमें कई राजनयिकों के साथ उस तरह की असुविधा क्यों हुई, जैसी हमने कार्रवाई की, लोगों को आने वाले दिनों में इसका जवाब मिलेगा।

दिल्ली में आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में विदेश मंत्री ने कहा, अस्थिरता में दूसरा योगदान वैश्वीकृत दुनिया में हो रहे संघर्ष का है। यहां परिणाम नजदीकी भूगोल से कहीं अधिक दूरी तक फैलते हैं। यूक्रेन के संबंध में हम पहले ही इसका अनुभव कर चुके हैं। युद्ध का प्रभाव अभी मध्य पूर्व में क्या हो रहा है? यह अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। 

दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में, छोटी-छोटी घटनाएं हो रही हैं, उनका भी प्रभाव पड़ता दिल्ली में आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "अस्थिरता में दूसरा योगदान वैश्वीकृत दुनिया में हो रहे संघर्ष का है। यहां परिणाम नजदीकी भूगोल से कहीं अधिक दूरी तक फैलते हैं। यूक्रेन के संबंध में हम पहले ही इसका अनुभव कर चुके हैं। युद्ध का प्रभाव अभी मध्य पूर्व में क्या हो रहा है? यह अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में, छोटी-छोटी घटनाएं हो रही हैं, उनका भी प्रभाव पड़ता है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने दुनिया भर में हो रहीभू-राजनीतिक उथल-पुथल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्य पूर्व में अभी जो हो रहा है उसका प्रभाव अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। उन्होंने भारत और कनाडा के रिश्तों की तल्खी पर भी टिप्पणी की। कनाडा की वीजा सेवाओं पर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "अभी संबंध एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारी जो समस्याएं हैं, वे कनाडाई राजनीति के एक निश्चित खंड और उससे उत्पन्न होने वाली नीतियों के साथ हैं। अभी लोगों की सबसे बड़ी चिंता वीजा को लेकर है।

 कुछ हफ्ते पहले, हमने कनाडा में वीजा जारी करना बंद कर दिया था क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वीजा जारी करने के लिए काम पर जाना अब सुरक्षित नहीं था।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत पिछले कई दशकों की तुलना में आज बेहतर स्थिति में है।भारत-कनाडा के रिश्तो में जारी तनाव के बीच समाधान की खिड़की खुली कौटिल्य इकोनामिक कॉन्क्लेव में भारतीय विदेश मंत्री का इशारा हकीकत में बदल - वीजा सेवा पर चार केटेगरी से रोक हटाना सराहनीय है।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र