बैतूल जिले के कांग्रेसी नेता का दामाद 6 साल से बैतूल जिले में आबकारी विभाग का एडीओ

देश - प्रदेश का चुनाव आयोग गूंगा - बहरा या लंगड़ा है या फिर बैतूल जिला प्रशासन

बैतूल : सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का ..... ? मध्यप्रदेश का आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिला घर जवाईयों और बाहर से आकर बस गए इंटरनेशनल ठसियो से बेहद हैरान एवं परेशान है। एक बार जो बैतूल जिले में आता है वह यहां पर जोक की तरह यहां की माटी से चीपक जाने के बाद यहां पर चींटी की शक्ल में आने के बाद हाथी की तरह मदमस्त हो जाता है। पूरे देश में चुनाव आयोग ने ऐसे अफसरो की सूचि मांगी गई थी जो जनवरी 2024 को तीन साल पूरे करने जा रहे है लेकिन बैतूल जिला प्रशासन ने आज तक ऐसे लोगो के नाम की सूचि भारत निर्वाचन आयोग एवं मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को नहीं भिजवाई नतीजा यह निकला कि बैतूल जिले की छाती पर आज भी अनेक अधिकारी दाल दलने का काम कर रहे है। 

वर्तमान में जिस अधिकारी को लेकर सबसे अधिक चर्चाओ का बाजार गर्म है वह अंतरजातिय विवाह करने वाले आबकारी विभाग के एडीओ अशोक माहोरे की है जो बैतूल जिले के एक काग्रेंस सरकार के राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रहे नेताजी के बेटी दामाद बताए जाते है। बैतूल जिले के बारे में कहा जाता है कि जिले की अधिकांश देशी - विदेशी मदीरा दुकानो का संचालन जिले की कलार जाति के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी से करते चले आ रहे है। 

जिले में अधिकांश समुहो की दुकानो में दामाद जी की भागेदारी की अकसर चर्चा होते रहती है। कांग्रेस शासन में बैतूल जिले के केबिनेट मंत्री की अनुशंसा पर कांग्रेस के नेताजी के दामाद को बैतूल कलेक्टर ने उनकी पदस्थापना जो कि उपखंड बैतूल, मध्य भाण्डागार, बैतूल, वृत्त भैसदेही को मुलताई का भी अतिरिक्तप्रभार दे दिया गया। एडीओ अशोक महोरे बैतूल जिले में अपनी पदस्थापना के बाद से ही सुर्खियो में रहे है। ग्वालियर महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा एडीओ माहोरे ने किया आबकारी विभाग में 1.34 करोड़ का घपला !

बीते वर्षो में बैतूल जिले में जिले के आबकारी विभाग में शराब की अफरा - तफरी कर 1 करोड़ 34 लाख रूपये का घपला किए जाने का मामला सामने आने के बाद भी बैतूल जिला आबकारी विभाग के एडीओ माहोरे के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। प्रदेश में लगभग साढ़े तीन साल तक भाजपा का शासन रहा है और भाजपाई शासन में कांग्रेसी दामाद की बल्ले - बल्ले किसी से छुपी नहीं रही। 

जिस अधिकारी को गवालियर महालेखाकार की आडिट रिर्पोट में जिम्मेदार बताया गया उसे क्लीनचिट मिली या पूरे मामले को ही रफा - दफा कर दिया गया इस बात को जानने का किसी ने कोई प्रयास नहीं किया। 1 करोड़ 34 लाख का यह घोटाला महालेखाकार के ऑडिट में पकड़ में आया है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले के सामने आने के बावजूद भी न तो रिकवरी हो रही है और न ही एडीओ माहोरे के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हो रही है। मामले को हर तरीके से दफनाने का प्रयास किया जा रहा है। 

पहले कोरोना के लॉकडाउन अवधि के दौरान हुई बैतूल शहर की तीन दुकानों में अफरा.तफरी होना थी शराब की अफरा तफरी जो एजीएमपी की ऑडिट रिपोर्ट है उसके अनुसार वर्ष 2019.20 के शराब ठेकों के बाद जो कोरोना का पहला लॉकडाउन लगा था उस अवधि में शराब दुकानों से जो अफरा तफरी हुई उसमें यह पूरा 1 करोड़ 34 लाख का घपला सामने आया है।

 जानकार सूत्रो का दावा है कि देशी - विदेशी मदीरा दुकानो में मौजूद शराब का न पैसा जमा हुआ और न ही कोई हिसाब - किताब दिया गया। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार पहले कोरोना काल में लगे लॉक डाउन के दौरान बैतूल गंज, कोठी बाजार और प्रतापपुरा वार्ड के शराब दुकान ग्रुप की शराब को लेकर 1 करोड़ 34 लाख रूपये की यह अफरा तफरी किया जाना पाया गया था। इस बात की जानकारी बताया गया कि लॉकडाउन अवधि में जब आबकारी विभाग ने स्वयं दुकानों का संचालन किया इसके बाद कुछ दिनों के लिए ठेकेदारों को दुकान ठेके पर दी।

 इस दौरान जो इन तीन दुकानों में शराब मौजूद थी उसका कोई भी हिसाब किताब मौजूद नहीं है। महालेखाकार ने जो ऑडिट रिपोर्ट दी है उसमें इन तीन दुकानों के प्रभारी एडीओ माहोरे को जिम्मेदार माना है और इनसे रिकवरी करने के लिए अनुशंसा की है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद उनसे जवाब मांगा गया था जिसका उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया।

बैतूल जिले के कांग्रेसी - भाजपाई भाई - भाई भाई के दामाद ने कर ली करोड़ो की कमाई बैतूल जिले के कांग्रेस एवं भाजपा के नेता एक थाली के चट्टे - बट्टे है। सब चांदी के चमच में मलाई खाने वाली बिरादरी से आते है। जिले के अधिकांश कांग्रेसी नेताओ के दामादो को भाजपाई शासनकाल में और भाजपाई नेताओ के बहन - बेटी दामादो को कांगे्रस शासनकाल में बुरी बलाओ से बचाने में एक दुसरे के मददगार बने बैतूल जिले के निर्वाचित सभी माननीय यह बताने की स्थिति में नहीं है कि अशोक महोरे बैतूल जिले में बीते 6 वर्षो से कुण्डली मार कर बैठा कैसे है...? 

जब भी इस बारे मे किसी से सवाल पुछा गया तो उसका उल्टा ही जवाब आया है। बैतूल जिले में इन पंक्तियो के लिखे जाने तक लगभग एक दर्जन भाजपाई - कांग्रेसी नेताओ के बहन - बेटी दामाद मलाईदार विभागो में बैठ कर दोनो हाथो से गपागप लडडू खाने में लगे हुए है। इन पर चुनाव आयोग की न तो बंदिशे लगती है और न कोई सेवा शर्ते ए सभी अधिकारी अपनी मनमर्जी की जिदंगी जीने के आदी हो गए है।