इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों के लिए निर्वासन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इन प्रवासियों में तकरीबन 17 लाख अफगानिस्तान के नागरिक हैं। पंजीकरण या दस्तावेजों के बिना विदेशी नागरिकों को देश से बाहर करने की आधिकारिक कार्रवाई में यह नवीनतम घटनाक्रम है। देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को आगामी बुधवार से गिरफ्तार कर निर्वासन केंद्र भेजा जाएगा।
दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता जान अचकजई ने बताया कि तीन निर्वासन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं जिसमें से एक प्रांतीय राजधानी क्वेटा में होगा।उत्तर-पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने बताया कि इस क्षेत्र में तीन निर्वासन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सख्त कार्रवाई की घोषणा के बाद से करीब 60,000 अफगान नागरिक अपने देश लौट गए हैं। खान ने कहा कि देश में अनधिकृत ढंग से रह रहे प्रवासी गिरफ्तारी से बचने के लिए मंगलवार तक यहां से चले जाएं। पाकिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सरफराज बुगती ने कहा है कि प्रवासियों के लिए तय की गयी समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। पाकिस्तान में लाखों अफगान नागरिक निवास करते हैं जो वर्ष 1979 से 1989 के सोवियत कब्जे के दौरान अपना देश छोड़कर आ गए थे।
यह संख्या अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद और बढ़ गई। पाकिस्तान ने कहा है कि उन 14 लाख अफगान नागरिकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है जो पंजीकृत शरणार्थी हैं। पाकिस्तान की सरकार ने अफगानिस्तान के नागरिकों को निशाना बनाने के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि यह कार्रवाई देश में अवैध प्रवासियों के खिलाफ हो रही है, चाहे वे किसी भी देश के नागरिक हों।
अवैध प्रवासियों को निकालने की इस कार्रवाई का व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। पूर्व अमेरिकी राजनयिकों और पुनर्वास संगठनों के प्रतिनिधियों के एक समूह ने बीते सप्ताह पाकिस्तान से उन अफगान नागरिकों को निर्वासित नहीं करने का आग्रह किया था जो तालिबान शासन के बाद अमेरिका के वीजा का इंतजार कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी इसी तरह की अपील करते हुए कहा कि इस कार्रवाई से परिवारों के अलग होने सहित मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।