हिंदी सरल हैं सुगम हैं !

हिंदी सरल हैं सुगम हैं

बोलने में हैं आसान,

हिंदी में बोली वाणी

अमृत जैसी ऊर्जावान!


नव कंठ से गाते नवल गीत,

हिंदी से लग जाती जग की प्रीत,

हिंदी में मीठे वचनबोल हैआसान

मातृभाषा हिंदी का करो सम्मान!


हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्तां,

यहीं हैं खिलता हमारा गुलिस्तां,

बढ़ाऐं प्रेम सभी में आहिस्तां,

सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां !


अपनी भाषा, अपने बोल,

जग से न्यारे हैं अनमोल,

ये अपनापन हैं भाता, लगता

इससे जनम-जनम का नाता!


- नेहा ठाकुर " नेह "

  इंदौर, मध्यप्रदेश