नेत्रदान महादान है ,आपके द्वारा दिया नेत्रदान किसी को अंधेरे से प्रकाश की दुनिया में लाता है : डॉक्टर देवेन्द्र सिंह

◆ मृत्यु के आठ घंटे के पहले डाक्टरों की टीम जाकर दान किए गये मृतक की आंख लाकर किसी को आखों की रोशनी लौटाया जा सकता है -डॉक्टर योगेंद्र दास

ब्यूरो / बलिया। शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी सभागार में प्रभारी सी एम ओ डॉ0 देवेन्द्र सिंह द्वारा नेत्रदान पखवाड़े का उदघाटन किया। कार्यक्रम के शुभारंभ करते हुए अपने संवोधन में नेत्रदान के लिए आम जनमानस को जागृत करते हुए कहा कि नेत्रदान एक अनमोल दान है जो किसी को अंधेरे से रोशनी की तरफ ले जाता है।

जिला दृष्टिहीनता अधिकारी डॉ0 योगेन्द्र दास ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने स्वेच्छा से अपना नेत्रदान कर सकता है, इसके लिए जनपद के नेत्र विभाग में एक फार्म भरकर रजिस्टर्ड करना पड़ता है तथा मृत्यु के पश्चात 6 से  8 घंटे के अन्दर नेत्र सर्जन की टीम द्वारा रजिस्टर्ड व्यक्ति के नेत्र को निकाल कर नेत्र बैंक में रखा जाता है तथा पहले से रजिस्टर्ड आंखों के मरीज को कार्निया ट्रांसप्लांट प्रत्यारोपित किया जाता है।

नोडल अंधता निवारण डॉ0 योगेन्द्र दास ने बताया कि 38 वां नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है, यह पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक चलाया जाएगा इस कार्यक्रम के तहत जनपद में नेत्र की बीमारियों के लिए निशुल्क नेत्र चिकित्सीय सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।  इस अवसर पर डॉ0 बी पी सिंह, जिला प्रशासनिक अधिकारी योगेश पाण्डेय, रणधीर सिंह, गोपाल सिंह, श्री शेखर, राजेश, शैलेश, रेड क्रॉस के उप सभापति विजय कुमार शर्मा, शैलेन्द्र पाण्डेय, उषा कुमारी इत्यादि अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।