RBI ने रुपये की गिरावट को रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम, बेच दिए 13 अरब डॉलर

नई दिल्ली : पिछले दिनों एक डॉलर की कीमत 80 रुपये से अधिक हो गई थी। अर्थव्यस्था के नजरिए से देखें तो यह अच्छा नहीं था। यह वजह है कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से रुपये की गिरावट को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुसाबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रुपये की गिरावट को रोकने के लिए 13 अरब डॉलर बेच डाले हैं। हालांकि, इस पर कोई भी आधिकारिक बयान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी नहीं किया गया है। 

विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 02 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 7.9 अरब डॉलर गिरकर लगातार पांचवें सप्ताह उतरता हुआ 553.1 अरब डॉलर पर आ गया। इसके पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर घटकर लगातार चौथे सप्ताह गिरता हुआ 561.05 अरब डॉलर पर रहा था।

डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर स्थिति का सीधा असर आम-आदमी की जेब पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर पेट्रोल और डीजल को लेते हैं। भारत तेल बाहर से मंगाता है। ऐसे में अगर रुपया कमजोर होगा तो कच्चे तेल के लिए हमें अधिक डॉलर का भुगतान करना पड़ेगा। अगर कंपनियों को कच्चा तेल महंगा मिलेगा तो उनके द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा कर दिया जाएगा। ऐसें में सब्जी लाने वाली गाड़ी का अधिक खर्च होगा, और वह खर्च आम-आदमी के जेब पर पड़ेगा। ठीक इसी तरह अन्य सभी उत्पाद जो भारत बाहर से मंगाता है, रुपया कमजोर होने की स्थिति में उसपर खर्च बढ़ जाएगा।  यही वजह है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि एक डॉलर की कीमत 80 रुपये के नीचे ही रहे।